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महामाया पहाड़ पर ताबड़तोड़ चले 4 बुलडोजर, कब्जा कर बनाए गए 40 घर जमींदोज, रोते-बिलखते रहे लोग

अंबिकापुर। शहर से लगे  महामाया पहाड़ स्थित वन भूमि पर बड़ी संख्या में लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। 3 दिन पूर्व वन विभाग ने नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। वन विभाग द्वारा दी गई समय सीमा समाप्त होने के बाद सोमवार को प्रशासन की संयुक्त टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। इस दौरान अतिक्रमणकारियों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित काफी संख्या में मोहल्ले वासी जेसीबी के सामने धरने पर बैठ गए। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर धरने पर बैठे लोगों को हटाया और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। दोपहर 1 बजे तक 40 घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।

अपनी आंखों के सामने मकान जमींदोज होते देख कई अतिक्रमणकारी ) परिवार के लोग रोते-बिलखते रहे। कार्रवाई के दौरान लगभग 500 से अधिक पुलिसकर्मी, वन विभाग, नगर निगम व जिला प्रशासन के कर्मचारी तैनात किए गए थे।

वहीं दोपहर बाद हाईकोर्ट में इस मामले से जुड़ी सुनवाई होने के कारण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रोक कर टीम वापस लौट गई। सूत्रों की मानें 5 दिन बाद अब फिर सुनवाई होगी, तब तक यह कार्रवाई रूकी रहेगी।
गौरतलब है कि महामाया मंदिर के ऊपर पहाड़ है। यहां स्थानीय व बाहरी लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। खैरबार, बधियाचुआं और नवागढ़ इलाके से लगे इस वन क्षेत्र में वर्षों से अवैध कब्जे (Bulldozer action) की शिकायत पर वर्ष 2017 में जांच के बाद 60 कब्जाधारियों को बेदखली का नोटिस जारी किया गया था।

लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया गया था। वर्ष 2017 के बाद यहां अतिक्रमण और तेजी से बढ़ गया। वर्ष 2022 में भाजपा नेता आलोक दुबे ने पुन: अतिक्रमण का मामला उठाया था। शिकायत पर जिला प्रशासन ने मामले की जांच कराई थी। जांच में 468 लोगों द्वारा अतिक्रमण (Bulldozer action) किए जाने की बात सामने आई थी।
वहीं विभाग ने 60 लोगों को बेदखली का नोटिस भी जारी किया था। इनका अतिक्रमण हटाने विन विभाग द्वारा फोर्स की मांग की गई थी, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण वर्ष 2022 में अतिक्रमण नहीं हट पाया था। इसके बाद वर्ष 2023 में भाजपा की सरकार आने के बाद भी आलोक दुबे ने महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण की शिकायत मुख्यमंत्री के समक्ष की थी।
इसी बीच गत दिवस 15 जनवरी को प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप सरगुजा प्रवास पर थे। वन मंत्री ने वन विभाग की संभागीय बैठक ली थी। बैठक में उन्होंने डीएफओ से महामाया पहाड़ (Bulldozer action) पर अतिक्रमण खाली नहीं कराए जाने की बात पूछी थी। इस दौरान मंत्री ने डीएफओ को फटकार भी लगाई थी। मंत्री ने हर हाल में 60 घरों को तोडऩे के निर्देश डीएफओ को दिए थे।

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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