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कृषि विश्वविद्यालय में जुटेंगे देश भर के कृषि अर्थशास्त्री, छत्तीसगढ़ में होगा राष्ट्रीय सम्मेलन

रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में कृषि अर्थशास्त्र अनुसंधान संघ, नई दिल्ली द्वारा तीन दिवसीय 32वां राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन 11 से 13 दिसम्बर, 2024 तक आयोजित की जाएगी। इस सम्मेलन का विषय ‘‘उच्च, सतत और समावेशी विकास के लिए कृषि का डिजिटलीकरण’’ रखा गया है। सम्मेलन का शुभारंभ कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रामविचार नेताम करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वित्त, वाणिज्यिक कर, आवास और पर्यावरण, योजना तथा आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री ओ.पी. चौधरी करेंगे।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, नाबार्ड छत्तीसगढ़ के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. ज्ञानेन्द्र मणि, कृषि अर्थशास्त्र अनुसंधान संघ, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. पी.के. जोशी, कृषि अर्थशास्त्र अनुसंधान संघ, नई दिल्ली के सम्मेलन अध्यक्ष डॉ. पी.एस. बिरथल एवं राष्ट्रीय जैव स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान, बरौंडा, रायपुर के निदेशक डॉ. पी.के. घोष उपस्थित रहेंगे।

कृषि अर्थशास्त्र अनुसंधान संघ, नई दिल्ली एक पंजीकृत सोयायटी है जो 1987 में अस्तित्व में आई और वर्तमान में भारत और विदेश में इसके 1200 से अधिक आजीवन सदस्य हैं। संघ कृषि अर्थशास्त्र, नीति विश्लेषण और ग्रामीण विकास में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान को बेहतर बनाने में योगदान देता है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष ख्यातिलब्ध कृषि अर्थशास्त्री डॉ. पी.के. जोशी हैं। कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रो. हुलास पाठक ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य देश के प्रमुख कृषि अर्थशास्त्रियों, नीति-निर्माताओं, शिक्षाविदों और क्षेत्रीय विशेषज्ञों को एक मंच में लाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में उभरती चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना और टिकाऊ व समावेशी विकास के लिए नवाचारी दृष्टिकोण विकसित करना है।

11 से 13 दिसम्बर, 2024 तक आयोजित इस तीन दिवसीय 32वीं वार्षिक सम्मेलन में कृषि अर्थशास्त्र से जुड़ी जानी-मानी हस्तियों द्वारा ‘‘टिकाऊ खेती के लिए स्मार्ट एग्री-टेक’’, ‘‘कृषि-विपणन में डिजिटल परिवर्तन’’, ‘‘शासन और संस्थागत समर्थन’’ जैसी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में भारत के अग्रणी कृषि अर्थशास्त्री, जिनमें डॉ. पी.के. जोशी, डॉ. प्रताप एस. बिर्थल, डॉ. मृत्युन्जय, डॉ. डी.के. मरोठिया, डॉ. अंजनी कुमार, डॉ. चेंगप्पा, डॉ. आर.एस. देशपाण्डेय, डॉ. सीमा बाठला, डॉ. स्मिता सिरोही, डॉ. सिरिषा सहित देश विदेश के अन्य 350 से अधिक प्रतिष्ठित कृषि अर्थशास्त्री एवं ग्रामीण विशेषज्ञ, शोधकर्ता, वैज्ञानिक एवं छात्र-छात्राएं नौ तकनीकी सत्रों में अपने-अपने विचार रखेंगे। यह वार्षिक सम्मेलन कृषि क्षेत्र में हो रहे शोध और नीतिगत विकास को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह आयोजन क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कृषि और ग्रामीण विकास में नई संभावनाओं को उकेरने में व नीति निर्माण में सहायक सिद्ध होगा।

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