आलू, प्याज, लहसुन और हरी सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने घरेलू बजट (household budget) को प्रभावित किया है. विक्रेता और ग्राहक दोनों ही इस स्थिति से परेशान हैं. बता दें कि एक ओर जहां लहसुन के दाम 400 रुपये किलो पहुंच गए है वहीं प्याज ने पांच साल पुराना रिकाॅर्ड तोड़ दिया है-भीषण गर्मी और बाढ़ की परेशानियों के बाद भी प्याज की कीमतें घटने का नाम नहीं ले रही हैं. वर्तमान में देश के अधिकांश शहरों में प्याज 80 से 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि लहसुन की कीमत (garlic price) 400 रुपये प्रति किलो पार हो गई है आलू, प्याज, लहसुन और हरी सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने घरेलू बजट (household budget) को प्रभावित किया है. विक्रेता और ग्राहक दोनों ही इस स्थिति से परेशान हैं. मंडियों में सन्नाटा छाया हुआ है, और लोग महंगे प्याज से बचने के लिए इसे छोड़कर खाना बना रहे हैं.
रुला रहा महंगा प्याज-
प्याज की कीमतें (onion price) तेजी से बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं, जिससे ग्राहक और विक्रेता दोनों ही परेशान हैं. थोक बाजार में प्याज की कीमत 40-60 रुपये से बढ़कर 70-80 रुपये प्रति किलो हो गई है. इसके अलावा, लहसुन की थोक कीमत 300 रुपये जबकि खुदरा कीमत 400 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. हरी सब्जियों की कीमतों में भी दो गुना वृद्धि हुई है, जो लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है.
क्यों फिर से महंगा हुआ प्याज-
प्याज की कीमतों में तेजी का मुख्य कारण सप्लाई चेन में रुकावट है. आजादपुर मंडी के व्यापारियों के अनुसार, पुरानी फसल खत्म हो चुकी है और नई फसल की आपूर्ति नहीं हो रही. नई फसल की कमी और निर्यात में वृद्धि के कारण कीमतें बढ़ रही हैं. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक (karnataka) में फसल खराब होने से भी कीमतों में उछाल आया है. नासिक के पिंपलगांव में प्याज की कीमत 51 रुपये से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। बांग्लादेश द्वारा आयात शुल्क हटाने से निर्यात में तेजी आई है.
प्याज से तोड़ा 5 सालों का रिकॉर्ड-
प्याज की कीमतों ने पिछले 5 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. नासिक के लासलगांव बाजार में प्याज की कीमत (Onion price hike) 54 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है, जो पांच साल का उच्चतम स्तर है. सप्लाई में कमी और मांग में तेजी के कारण प्याज की थोक कीमतों में 30 से 35% की वृद्धि हुई है. बढ़ती कीमतों ने दिसंबर 2019 का रिकॉर्ड भी याद दिलाया, जब प्याज की कीमतें 5,656 रुपये तक पहुंच गई थीं। इस स्थिति ने उपभोक्ताओं के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं.