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बैक डेट में किए थे दस्तखत, डीएम द्वारा कराया जा रहा जांच

हरदोई में तैनात एक SDM का ऑडियो सामने आया है। ऑडियो में SDM अपने अधीनस्थ कर्मचारी पेशकार से फोन पर कागजों का जिक्र कर रही है। डीएम द्वारा उनकी जांच कराए जाने पर कागजों को रिकॉर्ड से हटाने की बात कहती सुनाई दे रही है।

इस बातचीत में SDM ने कहा कि किसी भी तरह कागज रिकॉर्ड से हटवाओ फिर चाहे उसके लिए 10, 20, 50 हजार रुपए खर्च करना पड़े, तो खर्च करो। ऑडियो में SDM की हड़बड़ाहट डीएम द्वारा जांच कराए जाने का डर आवाज से साफ झलक रहा है। ऑडियो वायरल होने के बाद अब तरह-तरह की चर्चाएं आम है।

ये है मामला

दरअसल हरदोई की संडीला तहसील में तैनात SDM अरुणिमा श्रीवास्तव ने तहसीलदार से उपजिलाधिकारी के पद पर प्रोन्नति होने के बाद भी बतौर तहसीलदार दाखिल खारिज के दो मामलों में आदेश कर दिया। आदेश भी बैक डेट में किया गया है। मामला सवायजपुर तहसील का है। अरुणिमा श्रीवास्तव जनपद में ही सवायजपुर तहसील में तहसीलदार के पद पर तैनात थीं। 30 जून 2023 को शासन ने उनकी प्रोन्नति उपजिलाधिकारी के पद पर कर दी थी। लेकिन तैनाती में जनपद नहीं बदला था।

डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने उन्हें सवायजपुर तहसील में ही एसडीएम बनाने का आदेश जारी किया था। इसी क्रम में अरुणिमा श्रीवास्तव ने सवायजपुर में उपजिलाधिकारी के पद पर योगदान दिया था।

भूमि ​​​​​​के दाखिल खारिज से जुड़ा कागज गायब

सवायजपुर तहसील क्षेत्र से जुड़े दाखिल खारिज के दो मामलों में उन्होंने तहसीलदार की हैसियत से उपजिलाधिकारी बनने के बाद आदेश जारी कर दिए। खास बात यह है कि जिला मुख्यालय स्थित अभिलेखागार रिकॉर्ड रूम से 12 जुलाई 2024 को सवायजपुर तहसील में अभिलेख भेजे गए थे। इन अभिलेखों पर 28 जून 2023 की तारीख में तहसीलदार के हस्ताक्षर किए गए हैं।

इनमें से एक मामला सवायजपुर तहसील के डिघासर गांव का है। इसमें 0.975 हेक्टेयर भूमि के दाखिल खारिज का मामला है। इसके अलावा बरौली गांव का भी एक मामला है, जो 0.0510 हेक्टेयर के दाखिल खारिज का है। इनमें से एक मामले में दाखिल खारिज के आदेश से जुड़ा कागज भी गायब है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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