धर्म

कब से शुरू हो रहीं शारदीय नवरात्रि? जानें घटस्‍थापना का मुहूर्त, पूजन सामग्री और विधि

शारदीय नवरात्रि शुरू होने वाली हैं, जो कि अश्‍विन माह के शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होकर नवमी तक चलती हैं. नवरात्रि के पहले दिन घटस्‍थापना या कलश स्‍थापना की जाती है.सनातन धर्म में नवरात्रि महापर्व को विशेष स्‍थान प्राप्‍त है. मां दुर्गा के 9 रूपों की आराधना का यह पर्व साल में 4 बार आता है. 2 बार गुप्त नवरात्रि आती हैं और 2 बार प्रत्‍यक्ष नवरात्रि आती हैं. इनमें अश्विन माह की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं. यह उत्‍सव की नवरात्रि होती हैं. शारदीय नवरात्रि में बड़े-बड़े पंडालों में मां दुर्गा की विशाल प्रतिमाएं स्‍थापित की जाती हैं. 9 दिन तक मां अम्‍बे की विशेष पूजा-आराधना की जाती है. गरबा रास खेला जाता है. जानिए इस साल शारदीय नवरात्रि कब से हैं और कब कलश स्‍थापना होगी. शारदीय नवरात्रि अश्विन माह के शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है जो कि पंचांग के अनुसार 3 अक्‍टूबर 2024, गुरुवार को है. नवरात्रि नवमी तिथि तक चलेगी. नवरात्रि की नवमी तिथि 11 अक्‍टूबर 2024 को है. वहीं 12 अक्‍टूबर को दशहरा या विजयादशमी के दिन दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होगा. नवरात्रि के पहले दिन घटस्‍थापना या कलश स्‍थापना की जाती है.

शारदीय नवरात्रि कलश स्‍थापना पूजा-विधि

शारदीय नवरात्रि से एक दिन पहले ही घर की अच्‍छी तरह साफ-सफाई कर लें. फिर नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर की साफ-सफाई करें. गंगाजल छिड़क करें शुद्ध करें. फिर उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्‍थापित करें. 

साथ ही कलश स्थापना के लिए मिट्टी का एक पात्र लें, जिसका मुंह चौड़ा हो, फिर उसमें शुद्ध जौ के बीज बाएं. इसके अलावा तांबे के कलश में शुद्ध पानी और गंगाजल डालें. कलश पर कलावा बांधें. उस पर रोली से स्‍वास्तिक बनाएं. साथ ही कलश में अक्षत, सुपारी और सिक्‍का डालें. फिर कलश पर चुनरी मौली बांध कर एक सूखा नारियल रखें. विधि-विधान से माता की पूजन करें. पान का पत्‍ता, सुपारी अर्पित करें. फल-मिठाइयों का भोग लगाएं. दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें. आखिरी में आरती करें और प्रसाद का वितरण करें.

शारदीय नवरात्रि 2024 तिथियां
03 अक्टूबर गुरुवार- मां शैलपुत्री की पूजा
04 अक्टूबर शुक्रवार- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
05 अक्टूबर शनिवार- मां चंद्रघंटा की पूजा
06 अक्टूबर रविवार- मां कूष्मांडा की पूजा
07 अक्टूबर सोमवार- मां स्कंदमाता की पूजा
08 अक्टूबर मंगलवार- मां कात्यायनी की पूजा
09 अक्टूबर बुधवार- मां कालरात्रि की पूजा
10 अक्टूबर गुरुवार- मां सिद्धिदात्री की पूजा
11 अक्टूबर शुक्रवार- मां महागौरी की पूजा
12 अक्टूबर शनिवार- विजयदशमी (दशहरा)
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  जगन्नाथ डॉट कॉम इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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