धर्म

15 या 16 कब है सितंबर का पहला प्रदोष व्रत? कैसे करें भगवान शिव की पूजा, जानें देवघर के ज्योतिषी से

देवघर. सावन महीने के बाद अगर किसी दिन भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना हो तो सबसे उत्तम दिन त्रयोंदशी का दिन माना जाता है. इस दिन को प्रदोष व्रत भी कहते है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा आराधना करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. करियर कारोबार मे लाभ मिलता है. वहीं सितम्बर महीने का पहला प्रदोष रविवार के दिन पड़ रहा है. इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत भी कहते है. जानिए कब है रवि प्रदोष व्रत है और इस दिन किस विधि से करें भगवान शिव की पूजा आराधना.

क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने जानकारी देते हुए कहा कि सितंबर महीने का पहला प्रदोष व्रत 15सितंबर दिन रविवार को पड़ रहा है. इस दिन प्रदोष काल मे भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है. अगर प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखकर प्रदोष काल मे भगवान शिव की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाए तो जीवन के सभी संकट का नाश हो जाते हैं.

कब से शुरू हो रही है त्रयोंदशी तिथि
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की त्रयोंदशी तिथि की शुरुआत 15 सितम्बर शाम 04 बजकर 23 मिनट से होगी और समापन अगले दिन यानी 16 सितम्बर दोपहर 03 बजकर 47 मिनट पर होगी. त्रयोंदशी के दिन उदयातिथि नहीं बल्कि प्रदोष काल देखा जाता है. इसलिए 15 सितम्बर को ही प्रदोष व्रत रखा जायेगा.

बन रहे हैं अद्भुत संयोग 
ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल जानकारी देते हुए कहा कि प्रदोष व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग,सुकर्मा योग, अतिगण्ड योग का निर्माण हो रहा है.

प्रदोष व्रत के दिन जरूर करें यह कार्य
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करें. इस दिन राम नाम लिखा बेलपत्र और शोडॉप उपचार विधि से भगवान शिव की पूजा आराधना अवश्य करनी चाहिए. इसके साथ ही इस दिन जलाभिषेक किया रुद्राभिषेक अवश्य करें. ऐसा करने से जीवन में सभी प्रकार के रोग, दोष, दुख, कष्ट समाप्त हो जाएंगे.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का  जगन्नाथ डॉट कॉम व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

 

 

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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