जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पुलिस ने शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने जमीन दिलाने के नाम पर साथियों के साथ मिलकर षड्यंत्र कर फर्जी दस्तावेज बनाकर 87 लाख से ज्यादा की ठगी की थी। शातिर ठग अंकित ताम्रकार को कोतवाली पुलिस टीम ने ईंट भट्ठे से गिरफ्तार कर जेल भेजा है। उसके कब्जे से ठगी की रकम से खरीदा गया टोयोटा ग्लांजा कार कीमती 12 लाख रुपए जब्त किया है। वहीं प्रकरण के अन्य फरार आरोपियों की पतासाजी जारी है। आरोपी की गिरफ्तारी में सम्मिलित पुलिस टीम को पुलिस अधीक्षक ने नगद ईनाम से पुरुस्कृत किया है।
ठगी के मामले का खुलासा करते हुए एसपी शशिमोहन सिंह ने बताया कि प्रार्थी कमलेश जैन उम्र 51 साल निवासी जशपुरनगर के द्वारा दिनांक 27.03.2024 को भूमि स्वामी की भूमि का रजिस्ट्री कराने अथवा दिये गये रूपये वापस करने के लिए एक लिखित शिकायत आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक कार्यालय जशपुर में प्रस्तुत किया था, आवेदक के द्वारा प्रस्तुत शिकायत आवेदन पत्र की जाॅंच पुलिस अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कराया गया। जांच में पाया गया कि अनावेदक अंकित ताम्रकार निवासी सन्ना रोड जशपुर द्वारा आवेदक कमलेश जैन के साथ जमीन का सौदा की बात को लेकर लाखो रूपये लेकर धोखाधड़ी,ठगी किया है।जिस पर अंकित के विरूद्ध प्रथम दृष्टया धारा 420 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना के दौरान आवेदक कमलेश जैन,गवाहों के कथन एवं आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज देखने से पता चला कि पीड़ित कमलेश जैन और आरोपी अंकित ताम्रकार के बीच जमीन की खरीद-बिक्री करने के लिए बातचीत हुई है।इस बातचीत में अंकित ताम्रकार ने जमीन मालिक मनबोध महतो से भूमि खसरा नबंर 613/1 का सौदा कमलेश जैन को बेचने के लिए किया।सौदा तय होने के बाद अंकित ने कमलेश जैन से 87 लाख60 हजार रुपये ले लिए।बाद में पता चला कि दिखाई गई जमीन कागज की जमीन से अलग है।
दरअसल, भूमि स्वामी मनबोध महतो ने अपने खसरा नबंर 613/1 को बेचने की सहमति देकर अभियुक्त अंकित ताम्रकार से सौदा तो किया था लेकिन अन्य भूमि(जिसे प्रार्थी को अंकित ने दिखाया) को बेचने का सौदा भूमिस्वामी द्वारा नहीं किया गया है।हद तो यह कि बेची गई जमीन का एक रुपया भी जमीन मालिक को नहीं मिला। भूमिस्वामी के परिवार के जिन सदस्यो से आरोपी द्वारा प्रार्थी से बातचीत कराना कहा गया है वैसा कोई परिवारिक सदस्य भी भूमिस्वामी मनबोध महतो के परिवार में नहीं है। इस तरह अंकित ताम्रकार ने प्रार्थी से मनबोध महतो की जमीन बेचने के नाम से लाखों रूपये का ठगी किया गया। इतना ही नहीं, आरोपी द्वारा जमीन के मूल दस्तावजों में कूटरचना कर उन्हें असली बताते हुए प्रार्थी को विश्वास में लेकर बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दिया। ऐसी करतूत से धारा 467, 468, 471, 120 (बी) भा.द.वि. का भी अपराध करना पाया गया और प्रकरण में इन धाराओं को भी जोड़ा गया।
इस बड़ी धोखाधड़ी के मामले की मॉनिटरिंग पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह स्वयं कर रहे थे।इस दौरान अंकित ताम्रकार लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था,जिसको पकड़ने के।लिए मुखबीर एवं सायबर सेल को लगाया गया था। मुखबिर की पुख्ता सूचना मिलने पर इंस्पेक्टर रवि तिवारी ने एएसआई ईश्वर वारले व पुलिस बल के साथ फतेहपुर स्थित एक ईंटा भट्ठे की घेराबंदी कर रेड मारा।जिसमें ठगी का आरोपी अंकित ताम्रकार पकड़ा गया।पूछताछ में उसने बताया कि अपने दोस्तों के साथ मिलकर फुलप्रूफ प्लान बनाया और फर्जी दस्तावेज बनाकर प्रार्थी कमलेश जैन से जमीन दिलाने के नाम पर 87 लाख 60 हजार रूपये का ठगी करना स्वीकार किया। उसके कब्जे से ठगी की रकम से खरीदी गई कार को जप्त किया गया है।कोतवाली पुलिस ने अभियुक्त अंकित ताम्रकार उम्र 27 साल निवासी सन्ना रोड जशपुर को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा है। इस प्रकरण के अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीम लगी हुई है।
इससे पहले अंकित 2023 में ताम्रकार अपने साथियों के साथ मिलकर नकली जेवरात को असली सोना बताकर बेचने के मामले में जेल जा चुका है,जिस प्रकरण में इसके विरूद्ध थाना कुनकुरी के अप.क्र. 84/23 धारा 420, 511, 34 भा.द.सं. का अपराध दर्ज है। पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने बताया कि अंकित ताम्रकार शातिर किस्म का ठग है, पूर्व में इसके विरूद्ध थाना कुनकुरी में भी ठगी का मामला दर्ज किया गया है, इस प्रकरण के अन्य फरार आरोपियों की पतासाजी हेतु टीम को लगाया गया है, उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जायेगा।
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