सेहत

भगवान शिव और गणेश की पसंद है ये जंगली पौधा, पुराने से पुराने रोग में रामबाण, जड़..फुल..दूध सब कारगर

जयपुर ग्रामीण. आज हम आपको भगवान शिव और गणेश को अर्पित पौधे के बारे में बताएंगे. इस पौधे के फूलों में अनेक प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं. इस पौधे का नाम है आंक. इसको राजस्थान में आंकड़ा और आर्क भी कहते है. जड़ी बूटी ज्ञान केंद्र के डॉक्टर ईश्वर चंद ने बताया कि यह एक प्रकार का जहरीला पौधा होता है. यह पौधा मरुस्थलीय इलाकों में अधिक पाया जाता हैपौराणिक मान्यताओं के अनुसार पीपल के बाद आंक को सबसे पवित्र पौधा माना जाता है. इस पौधे के फूल गुलाबी और सफेद रंग के होते हैं जो देखने में आम के फूल जैसे ही सुंदर नजर आते हैं. इस पौधे से निकलने वाला चिपचिपा पदार्थ जिसे स्थानीय भाषा में आंक का दूध कहा जाता है, इसको ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह पदार्थ दूध के जैसे गाढ़ा और सफेद रंग का होता है. जड़ी बूटी ज्ञान केंद्र डॉक्टर ईश्वर चंद ने बताया कि यह दूध काफी जहरीला भी माना जाता है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग आंक के दूध को फेविकोल की तरह काम में लेते हैं.आयुर्वेद में बड़ा महत्व
जड़ी बूटी ज्ञान केंद्र डॉक्टर ईश्वर चंद ने बताया कि आंक के पौधे का आयुर्वेद में बड़ा औषधीय महत्व है. इसके फूल, पत्तियां, जड़, पत्तों और तनों से निकलने वाले चिपके हुए पदार्थ का इस्तेमाल पुराने से पुराने रोग ठीक करने में किया जाता रहा है. आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने वाली कंपनियां भी आंक के पौधे से दवाइयां बनाने का काम करती है.

आंक के आयुर्वेदिक फायदे
1. आंखों की समस्या में : आंक में अनेक आयुर्वेदिक गुण पाए जाते हैं. इसका प्रयोग आंखों की समस्या के निदान के लिए किया जाता है. इसके लिए आंक के फूलों को सुखाकर उसमें गुलाब जल मिलाकर इसे आंखों के आस–पास लगाया जाता है. .2. कान के दर्द में: आंक के दूध में विशेष प्रकार के तत्व पाए जाते हैं जो कान के दर्द में प्रयोग किया जाता है. रूई के साथ बूंद के रूप में कान में डालकर इसका प्रयोग किया जाता है.3. सिर के दर्द में : आंक के पत्तों को पीसकर सिर पर लेप करने से सिर दर्द में राहत मिलती है.4. त्वचा रोगों में प्रयोग : आंक के रस में अनेक प्रकार के एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो त्वचा पर होने वाले सूजन, लालिमा व जलन को कम करता है. इसमें पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल के प्रभाव से कई प्रकार के संक्रमण से बचाया जा सकता है.5. बवासीर में लाभदायक: बवासीर के मरीजों के लिए आंक का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. आंक के पत्तों को पीसकर बवासीर के घाव पर लगाने से दर्द ठीक हो जाता है व घाव भी भरने लगता है.

आंक के नुकसान
डॉक्टर ईश्वर चंद ने बताया कि आंक के दूध में कई तत्व होते हैं जो शरीर में जाकर जहर जैसा काम करने लगते हैं. आंक के सेवन से कभी-कभी चक्कर आना, उल्टी होने, पेट में दर्द, सीने में जलन, बीपी बढ़ना जैसी अनेक समस्या भी हो जाती है. गर्भवती महिलाओं और अन्य रोगों से ग्रसित लोगों को आंक के सेवन से बचना चाहिए. इस पौधे से निकलने वाले दूध से हमेशा आंखों को बचाकर रखना चाहिए ये आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है.

 

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें.  जगन्नाथ डॉट कॉम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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