हम और आप आजतक ऐसे मंदिर गए हैं, जहां भगवान सामने होते हैं और लोग उनके दर्शन कर रहे होते हैं, लेकिन भगवान हमेशा आपने मार्बल या किसी हार्ड धातु की मूर्ती से बने देखे होंगे, जिनकी रोज सुबह-शाम पूजा होती है। लेकिन एक मंदिर ऐसा है, जहां भगवान की मूर्ती जिंदा है, और लोग यहां सच्चाई देखने के लिए रोज आते हैं। कुछ यहां आस्था के साथ भी आते हैं कि जिंदा भगवान उनकी जल्दी सुनेंगे।हम बात कर रहे हैं हेमाचल लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर की जो तेलंगाना राज्य के वारंगल जिले के मल्लूर गांव में स्थित है। ये मंदिर समुद्र तल से लगभग 1500 फीट ऊंचाई पर पुट्टकोंडा नाम की पहाड़ी पर बना हुआ है। ऐसा माना जाता है कि भगवान लक्ष्मी नरसिंह स्वामी की मूर्ति (विग्रह) इस पहाड़ी से स्वयं प्रकट हुई है। मंदिर के रास्ते में भगवान हनुमान भी शिखांजनेय के रूप में विराजमान हैं और मल्लूर के रक्षक देवता माने जाते हैं। एक युट्यूबर का कहना है कि इस मंदिर में भगवान नरसिंह की मूर्ति इंसान की त्वचा जितनी सॉफ्ट है। अगर आप इस मंदरी में जाना चाहते हैं, तो पहले जान लें इस मंदिर की कहानी। (All photo: Mallur laxmi narsimha swami temple@facebook)
क्या है युट्यूबर का कहना
उन्होंने कहा ये मूर्ति 10 फीट लंबी और इतनी सॉफ्ट है कि इस मूर्ति पर फूल रखकर दबाने से फूल अंदर चला जाता है और ज्यादा दबाने से इस मूर्ति से ब्लड भी निकलने लगता है। इसके अलावा मूर्ति के नेवल से ब्लड जैसा एक लिक्विड लगातार निकलता रहता है, इसे रोकने के लिए वहां चंदन का लेप लगाया जाता है इस टेंपल के पुजारी ये भी बताते हैं कि मूर्ति के पास जाने पर मूर्ति के सांस लेने का भी फील होता है लोग मानते हैं कि इस टेंपल में स्वयं नरसिंहा स्वामी रहते हैं।