धर्म

सावन शिवरात्रि जलाभिषेक मुहूर्त: ये 42 मिनट हैं अति उत्तम, शिव कृपा से पूरी होगी मनोकामना

हिंदू धर्म में शिवरात्रि का विशेष महत्व है। सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहा जाता है। सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित व उनकी पूजा के लिए शुभ माना गया है। लेकिन सावन शिवरात्रि का दिन महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं। जानें सावन शिवरात्रि के दिन शिव पूजन व जलाभिषेक का सबे उत्तम मुहूर्त त्या है-सावन शिवरात्रि कब मनाई जाती है: हर साल सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सावन शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस साल सावन शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 को है।

सावन शिवरात्रि पर शिव पूजन व जलाभिषेक का सबसे उत्तम मुहूर्त- चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त 2024 को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर आरंभ होगी और 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। निशिता काल में भगवान शिव की अराधना या पूजा-अर्चना करना सबसे लाभकारी माना गया है। मान्यता है कि निशिता काल में शिव पूजन करने से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। निशिता काल पूजा समय सावन शिवरात्रि के दिन रात 12 बजकर 06 मिनट से रात 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। पूजन की अवधि 42 मिनट है।

 

 

सावन शिवरात्रि व्रत का पारण टाइम: सावन शिवरात्रि व्रत का पारण 03 अगस्त 2024 को किया जाएगा। व्रत पारण का शुभ मुहूर्त 05 बजकर 43 मिनट से दोपहर 03 बजकर 48 मिनट है।भगवान शिव का जलाभिषेक करने की विधि- सावन शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। इस दिन शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करने के बाद बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। शिवलिंग पर अब धतूरा, भांग, चंदन, अक्षत व पुष्प आदि चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शिव के समक्ष दीपक जलाएं। अब शिव चालीसा का पाठ करें और आखिरी में भगवान शिव की आरती करें।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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