मां बनने का अहसास दुनिया में सबसे खूबसूरत होता है. हर महिला को अपनी लाइफ में उस पल का इंतजार होता है जब वो बच्चे को जन्म देती है. अपना ही एक अंश अपनी गोद में लेकर उसे बड़ा करती है. मां बनने के इस अहसास के लिए कई महिलाएं उम्रभर तरस भी जाती हैं. अलवर में एक फौजी की पत्नी बीते पैंतीस सालों से इस इंतजार में थी कि कब उसकी गोद भरेगी. अब जाकर पचपन की उम्र में उसका सपना पूरा हुआ.मामला अलवर से सामने आया है. यहां एक रिटायर्ड फौजी साठ की उम्र में पहली बार पिता बना है. उसकी पचपन साल की बीवी ने बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद से परिवार में जश्न का माहौल है. उम्र के उस पड़ाव पर जहां अक्सर महिलाएं दादी और नानी बनती है, इस महिला ने मां बनने का सुख प्राप्त किया. आखिर के है ये माजरा और कैसे हुए ये चमत्कार?सेना में था पति
मामला अलवर का है. हालांकि, दम्पति की पहचान गुप्त रखी गई है. यहां एक फौजी ने 1990 में भरतपुर की एक महिला से शादी की थी. दोनों शादी के बाद से ही बच्चे की कोशिश कर रहे थे. लेकिन सफल नहीं हो पाए. इस दौरान महिला ने और उसके पति ने कई डॉक्टर्स से मुलाकत की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इन सबके बीच महिला का पति सेना से रिटायर भी हो गया. फ़िलहाल वो बैंक में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा है. इतने सालों के इंतजार के बाद अब जाकर ये कपल मां-बाप बना है.ऐसे हुआ चमत्कार
कपल कई सालों से अपना इलाज करवा रहा था. लेकिन दो साल पहले उन्होंने एक निजी अस्पताल में ट्रीटमेंट शुरू करवाया था. चालीस साल की एक डॉक्टर ने ये चमत्कार करके दिखा दिया. दंपति के घर अब बच्चे ने जन्म लिया है. इसे लेकर रिटायर्ड फौजी ने बताया कि उसे लोग ताने देते थे. कई बार उसे लगता था कि उसके साथ वाले दादा-नाना भी बन गए. लेकिन वो पिता नहीं बन पाया. लेकिन अब साठ की उम्र में उसे पापा बोलने वाला आ गया है.

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