मां की ममता हर किसी को दिखाई देती है मगर पिता का दर्द किसी को महसूस नहीं होता है। पिता दिल पर लाख बोझ लिए चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ काम पर जाते हैं, दिन भर थक हार कर घर आते हैं और फिर प्यार से बच्चे को अपने गोद में ले लेते हैं।
हम यहां पिता की तुलना मां से नहीं कर रहे हैं। मां तो आखिर मां ही होती है मगर बच्चे की जिंदगी में पिता की भूमिका भी कम नहीं होती। बच्चों में मां की जान बसती है तो पिता भी बच्चों की चिंता में बेचैन रहते हैं। मां का प्यार आंखों से आंसू बनकर बहता है तो पिता अपने कलेजे में दर्द को दफन कर बच्चों की परेशानियों के सामने दीवार बनकर खड़े हो जाते हैं। हम यहां पिता की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसे देखकर आपका भी कलेजा फट जाएगा। आप भी भावुक हो जाएंगे।
बच्चे को सीने से लगाकर छात्रों को पढ़ा रहे टीचर
दरअसल, तस्वीर में दिख रहे शख्स एक छोटे बच्चे को सीने से लगाए हुए हैं और छात्रों को पढ़ा रहे हैं। इस तस्वीर के बारे में लोगों का कहना है कि ये शख्स एक शिक्षक हैं। इस तस्वीर के पीछे यब कहानी बताई जा रही है कि बच्चे को जन्म देते समय इनकी पत्नी का निधन हो गया था। उनके ऊपर बच्चे की जिम्मेदारी आ गई। रोजी-रोटी के लिए उन्हें नौकरी भी करनी थी। इसलिए उन्होंने समाधान निकाला। उन्होंने ना तो काम छोड़ा और ना ही बच्चे की परवरिश को अनदेखा किया।
एक बच्चे को माता और पिता दोनों की देखरेख और प्यार की जरूरत पड़ती है। कम से कम माता या पिता दोनों में से किसी एक को बच्चे को टाइम देना जरूरी होता है। हो सकता है कि इस शख्स के परिवार में और भी लोग हों मगर एक पिता तो आखिर पिता ही होता है। ऊपर से जब बच्चे के सिर से मां का साया उठ गया हो तो पिता की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
सोशल मीडिया पर यह तस्वीर काफी वायरल हो रही है। कई लोग इस पिता को असली हीरो बता रहे हैं। वहीं कई लोग कह रहे हैं कि यह महज दिखावा है। हालांकि यह तस्वीर पहले भी वायरल हो चुकी है और अब एक बार फिर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है। वहीं कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि अब ये शख्स ऑफिसर बन चुके हैं। वैसे इस तस्वीर के बारे में आपकी क्या राय है।
इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए परमानंद कहते हैं , “ना इसके परिवार में कोई और महिला, ना ही बच्चे को कोई देखने वाला… बता दूं कि जिगर का टुकड़ा अपना बाकी सब पराए… सौतेली मां भी बच्चे को प्यार नहीं दे पाती। कुछ लोग सहानुभूति देंगे लेकिन असली संघर्ष खुद को करना पड़ता है। वैसे भी सौतेली मां वाले कितने खुश हैं आज के युग में।
वहीं यूजर संजय का कहना है कि ये इतने तनहा हैं कि बच्चे को सम्भालने वाला कोई भी नहीं, जल्द ही किसी तालिबा की सहानुभूति हर हाल में हासिल कर लेंगे!
वहीं गौरव त्रिपाठी का कहना है कि क्या इनके घर परिवार में कोई महिला और नही हैं जो बच्चे को देख ले जब तक ये काम कर रहे हैं… या लोगों की सहानभूति लेने के लिए ये सब कर रहे हैं।