दुनिया के खत्म होने की अक्सर भविष्यवाणियां की जाती हैं। भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा समेत कई भविष्यक्ताओं ने बताया है कि आखिर दुनिया कब खत्म होगी। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमले के बाद महाविनाश की घड़ी (डूम्सडे क्लॉक) भी बनाई है। बताया जाता है कि इस घड़ी में 12 बजते ही यह तय हो जाएगा की धरती इंसानों के रहने लायक नहीं है। लोगों ने भी धरती पर प्रलय आने को लेकर अलग-अलग तारीख बताई है। कुछ समय पहले एक स्टडी सामने आई थी, जिसमें बताया गया था कि दुनिया कब खत्म होगी। धरती पर इंसान और जीव जंतु कोई भी जिंदा नहीं बचेगा। वैज्ञानिकों ने एक लंबे शोध के बाद दुनिया के खत्म होने की तारीख बताई है। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि पेड़-पौधे भी नष्ट हो जाएंगे। धरती पर हर तरफ सिर्फ ही तबाही ही नजर आएगी। आइए जानते हैं कि आखिर धरती पर प्रलय कब आएगा? एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने बताया है कि प्रलय आने में अभी काफी लंबा वक्त है। ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने यह शोध किया है। उन्होंने इस शोध को करने के लिए कंप्यूटर सिमुलेशन तकनीक का इस्तेमाल किया है। वैज्ञानिकों ने इस शोध से यह जानने की कोशिश की है कि धरती पर कब प्रलय की स्थिति आएगी। इस शोध के नतीजे बेहद हैरान करने वाले हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, 250 मिलियन साल में पृथ्वी पर प्रलय आ सकता है और उस दौरान सभी जीव-जंतु नष्ट हो जाएंगे। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि उस समय धरती का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। ऐसे में किसी जीव का जिंदा रहना असंभव हो जाएगा। उन्होंने कहा है कि सभी जीव खत्म हो जाएंगे
वैज्ञानिकों का दावा है कि जिस तरह से दुनिया कार्बन उत्सर्जन कर रही है, उससे प्रलय की घड़ी जल्दी भी आ सकती है। उन्होंने कहा कि यह भी हो सकता है कि 66 मिलियन साल पहले ही सबकुछ तबाह हो जाए। वैज्ञानिकों के मुताबिक, डायनासोर के खत्म होने के बाद यह पहली सामूहिक तबाही होगी। डॉ. अलेक्जेंडर फार्नस्वर्थ इस शोध को करने वाली टीम के प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि प्रलय के समय वर्तमान से कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर दो गुना हो सकता है। इसकी वजह से पसीने के जरिए इंसान के शरीर से निकलने वाली गर्मी नहीं निकल पाएगी। लोगों का शरीर तेजी से गर्म होगा और उनकी जान चली जाएगी। वैज्ञानिकों के मुताबिक, धरती के सभी महाद्वीप एक साथ मिल जाएंगे और एक विशाल द्वीप का निर्माण होगा। धरती डोनट का आकार ले लेगी और बीच में महासागर होगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, धरती के ज्यातादर हिस्से प्रशांत महासागर में डूब जाएंगे। पहले धरती का तापमान बढ़ेगा और यह निर्जन हो जाएगी। हालांकि, डरने की जरूरत नहीं है, प्रलय आने में अभी काफी समय है।