आपने बहुत से लोगों को ये कहते हुए सुना होगा कि आज मंगलवार है और हम नॉनवेज नहीं खाएंगे। या फिर आज शनिवार अंडा तो बिल्कुल नहीं खाना है। इसके पीछे का लॉजिक कई लोगों को पता है लेकिन कुछ लोग इसे लेकर कन्फ्यूज भी होते हैं। इसके पीछे लोगों की आस्था और परंपरागत वजहें हैं। बता दें कि मंगलवार का दिन भगवान हनुमान का होता है। वहीं शनिवार के दिन शनि देव की पूजा होती है। भगवान हनुमान ब्रह्मचारी है तो वहीं हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है
मंगल और शनि को नॉनवेज क्यों नहीं?
इन दोनों ही दिन नॉनवेज को खाना सही नहीं माना जाता है क्योंकि इस दिन तामसिक खाने को खाना गलत माना जाता है। ऐसा करना इन देवताओं को गुस्सा दिला सकता है और इसका प्रभाव हमारे जीवन पर साफ तौर पर दिखने लगता है। इसी के साथ मंगलवार और शनिवार को नॉनवेज खाने से मंगल और शनि ग्रह बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। अब सवाल ये है कि क्या सिर्फ इन दोनों दिन ही नॉनवेज छोड़ना काफी होता है? अब इस विषय पर वृंदावन के जाने-माने संत प्रेमानंद महाराज ने भी अपनी राय रखी है।
छोड़ दो नॉनवेज
इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि नहीं नहीं ऐसा नहीं है। हम गंगा नहा लिए और उसके बाद नाले में लोट गए तो क्या फायदा हुआ गंगा नहाने का? जब हमने सोच लिया है कि शनिवार को नहीं खाना है। मंगलवार को नहीं खाना है तो हम रोज ही ना खाएं। गंदे आचरण को छोड़ दो। रविवार को डटकर खाया और पीया तो क्या फायदा? ऐसा करना सही नहीं है। छोड़ दो तो फिर पूरा छोड़ दो। प्रेमानंद महाराज ने आगे हंसते हुए कहा कि हमारे पास आने से लोग डरते हैं कि बाबा छुड़वा देगा। अब जो लोग आए है वो तो छोड़ ही दें।
अच्छे कर्म से होगा उद्धार
प्रेमानंद महाराज ने इसी विषय में आगे कहा कि शराब छोड़ दो, नॉनवेज छोड़ दो। शरीर तो वैसे भी बलवान बन जाएगा। दंड बैठक मारो। शुद्ध देसी दूध, घी ये चीजें….अपने यहां इतनी चीजें है। देखो अपने शरीर को काटो तो कष्ट होता है ना। किसी भी जीव को काटकर खाना उत्तम नहीं है। अच्छा ये शरीर कितने दिन स्वस्थ रहेगा? वृदावस्था तो आएगी ही ना। रोग आएगा। मृत्यु आएगा। कितने भी स्वस्थ लोग हो, एक सेकंड में प्राण चले जाते हैं। हार्ट फेल हो जाता है। बैठे-बैठे लोग गिर जाते हैं। अच्छे कर्म करो। नाप जप करो।





