भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है। हाल ही में उन्होने एक ही दिन में तीन बड़ी मुलाकातें की थी। पहले राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और एनडीए के सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा से मिले, फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और फिर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। जिसके बाद से एनडीए प्रत्याशी के तौर पर उनका चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। इन सबके बीच पवन सिंह पर भोजपुरी सिंगर और एक्टर खेसारी लाल यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है।बीजेपी में पवन सिंह की वापसी पर खेसारी लाल ने कहा कि अब उनका पावर वहां से शुरू होगा। उनका अपना व्यक्तिगत हैं। वो उस समय (जब निर्दलीय चुनाव लड़े) भी सही थे, और इस समय (भाजपा में वापसी के समय) भी सही होंगे। उनकी अपनी विचारधारा है। राजनीति में कोई दुश्मन नहीं है और दोस्त नहीं है। हम लोग लड़ जाते हैं फालतू में एक राजनेता के लिए। उनके मन में कभी एक-दूसरे के लिए कुछ नहीं होता। वो (पवन सिंह) पहले गायक थे, अब वो राजनेता हो गए हैं।
वहीं खेसारी की पत्नी चंदा देवी के आरजेडी से चुनाव लड़ने की चर्चा का जिक्र करते हुए पत्रकारों ने पूछा कि क्या खेसारी कंफ्यूज नहीं होंगे एक तरफ दोस्त बीजेपी में तो पत्नी राजद में। इस सवाल के जवाब में खेसारी ने कहा कि मुझे क्यों कंफ्यूजन है। मैं दोनों का हूं, किसी का पति हूं तो किसी का भाई भी हूं। मेरे रिश्ते बहुत प्यारे हैं, मैं रिश्तों को बचाने का प्रयास करता हूं। क्या पवन सिंह खेसारी की पत्नी के लिए प्रचार करेंगे इस सवाल पर खेसारी ने कहा कि यह तो उन्हें देखना होगा कि क्या वो अपने भाभो (छोटे भाई की पत्नी) के लिए आएंगे या नहीं। अगर वो चुनाव लड़ती है तो यह उनका विषय है। उन्हें देखना होगा कि भाई के लिए भाई तो आया था। भाभो के लिए भैंसुर आएगा कि नहीं, मैं फिलहाल राजनीति में नहीं हूं।
वहीं पवन सिंह के बीजेपी से कभी अलग नहीं होने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए खेसारी लाल यादव ने कहा कि यह तो उनसे पूछिए कि बीजेपी से अलग नहीं हुए थे तो टिकट क्यों लौटा दिया था। खेसारी ने कहा कि राजनीति में इमोशन नहीं होता, दर्द नहीं होता। वहां सिर्फ बिजनेस होता है। मुझे लगता है कि हम लोग उनसे बहुत अलग है। हम लोग एक कलाकार के रूप में हैं, मैं दुनिया को बिहार के बारे में बताता हूं।आपको बता दें बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने आसनसोल से पवन सिंह को टिकट दिया था। जिसे उन्होने लौटा दिया था। और फिर काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़े थे। इसी सीट से उपेंद्र कुशवाहा भी एनडीए के प्रत्याशी थे। हालांकि इस सीट पर महागठबंधन के भाकपा माले के प्रत्याशी राजा राम सिंह विजयी रहे थे।
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