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Breaking News : भिलाई के मरोदा जलाशय में बना तैरता सोलर प्लांट, हर साल बनेगी 34 मिलियन यूनिट बिजली

सेल और एनटीपीसी के संयुक्त उपक्रम एनएसपीसीएल ने की स्थापना

भिलाई। सेल और एनटीपीसी के संयुक्त उपक्रम एनएसपीसीएल ने भिलाई इस्पात संयंत्र के मरोदा-1 जलाशय में 15 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग (तैरता) सौर विद्युत संयंत्र स्थापित किया है। मंगलवार को छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए इस सौर विद्युत संयंत्र का सफलतापूर्वक शुभारम्भ किया गया। शुभारंभ के दौरान इसकी क्षमता का परीक्षण भी किया गया और सुखद परिणाम भी सामने आया। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथियों द्वारा पूजा-अर्चना कर शिलापट्ट का अनावरण किया गया तथा आकाश में गुब्बारे छोड़कर व वृक्षारोपण द्वारा पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।

बता दें इस परियोजना की परिकल्पना मुख्य महाप्रबंधक (पावर फैसिलिटीज) एवं निदेशक (एनएसपीसीएल) राजीव पांडेय द्वारा की गई थी। इसे बीएसपी के तात्कालीन कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) एवं निदेशक (एनएसपीसीएल) डॉ. अशोक कुमार पंडा द्वारा स्वीकृति प्रदान करते हुए इस परियोजना को आगे बढ़ाया। इस 15 मेगावाट फ्लोटिंग सौर विद्युत संयंत्र परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन 9 मई 2024 को हस्ताक्षरित हुआ था व इस परियोजना का शिलान्यास 30 जून 2024 को किया गया। मेसर्स माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और मेसर्स क्वांट सोलर के सहयोग से यह परियोजना सेल की ग्रीन स्टील पहल के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्बन फुटप्रिंट को उल्लेखनीय रूप से कम करेगा।

Sep 25 2318

80 एकड़ जल क्षेत्र में बना यह सोलर प्लांट
15 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सौर विद्युत संयंत्र 111.35 करोड़ रुपए की लागत से 80 एकड़ जल क्षेत्र में निर्मित किया गया है। यह हर वर्ष लगभग 34.25 मिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करेगा। समस्त ऊर्जा का उपयोग भिलाई इस्पात संयंत्र की आंतरिक आवश्यकताओं के लिए होगा, जिससे संयंत्र में प्रतिवर्ष 28,400 टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी और 0.23 लाख टन कोयले की बचत होगी। यह परियोजना जलाशय में जल वाष्पीकरण को भी कम करेगी तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करेगी।

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हरित ऊर्जा उपलब्ध कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम
निदेशक प्रभारी (सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र) चित्त रंजन महापात्र ने सेल और एनएसपीसीएल बिरादरी को बधाई देते हुए कहा कि यह परियोजना संयंत्र को हरित ऊर्जा उपलब्ध कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि मरोदा-1 परियोजना की सफलता के पश्चात मरोदा-2 जलाशय पर भी इसी तरह की सार्थक पहल की जाएगी। उन्होंने कहा—“सौर ऊर्जा स्वच्छ और पर्यावरण हितैषी ऊर्जा का स्रोत है, जो हमारे कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के साथ आने वाली पीढ़ियों को हरित और सतत भविष्य प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएगा।”

सौर ऊर्जा असीमित और हरित है : डॉ अशोक पंडा
निदेशक (वित्त–सेल) डॉ. अशोक कुमार पंडा ने इस अवसर पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस्पात उद्योग पर्यावरण पर व्यापक दबाव डालता है और ऐसे में नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग आवश्यक है, व सेल इस दिशा में व्यापक प्रयास कर रहा है, यह परियोजना भी उसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “सौर ऊर्जा असीमित और हरित है, इसे भारत और सेल की डिकार्बोनाइजेशन तथा एथिकल स्टील उत्पादन की यात्रा में प्रमुख साधन के रूप में अपनाना होगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यह सौर ऊर्जा संयंत्र भारी वर्षा और आंधी-तूफान जैसी विपरीत जलवायु परिस्थितियों में भी सुरक्षित और सक्षम बना रहे।”

सेल एवं एनएसपीसीएल के बीच सहयोग की सराहना
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एनएसपीसीएल) एवं क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (पश्चिम क्षेत्र-2, एनटीपीसी लिमिटेड) दिवाकर कौशिक ने परियोजना के महत्व को रेखांकित किया तथा सेल एवं एनएसपीसीएल के बीच सहयोग की सराहना की। विकास जैन (एनएसपीसीएल) ने एक प्रस्तुतीकरण के द्वारा परियोजना के तकनीकी बिंदु प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन एचआर अधिकारी (एनएसपीसीएल) सैम के. अब्राहम ने किया और धन्यवाद ज्ञापन महाप्रबंधक (एनएसपीसीएल) तथा 15 मेगावाट परियोजना के प्रमुख नील कुमार शर्मा ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर एनटीपीसी-सेल पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल), भिलाई इस्पात संयंत्र, सीआईएसएफ, मेसर्स माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड एवं मेसर्स क्वांट सोलर के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

यह रहे उपस्थित
इस परियोजना का उद्घाटन निदेशक प्रभारी (सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र) चित्त रंजन महापात्र तथा निदेशक (वित्त–सेल) डॉ. अशोक कुमार पंडा ने किया। इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एनएसपीसीएल) एवं क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (पश्चिम क्षेत्र-2, एनटीपीसी लिमिटेड) दिवाकर कौशिक, आईजी/सीएस (सीआईएसएफ) नीलिमा रानी सिंह, डीआईजी/सीएस (सीआईएसएफ) पियाली शर्मा, बीएसपी के कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) एके चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) एवं निदेशक (एनएसपीसीएल) प्रवीण निगम, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (खदान) बीके गिरि, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) राकेश कुमार, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एमएंडयू) बीके बेहरा, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) तापस दासगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक (पावर फैसिलिटीज) एवं निदेशक (एनएसपीसीएल) राजीव पांडेय, डीआईजी (सीआईएसएफ-बीएसपी) आईपीएस नागेंद्र नाथ त्रिपाठी सहित कमांडेंट (सीआईएसएफ-बीएसपी) अभिजीत कुमार आदि उपस्थित रहे।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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