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बाढ़ पीड़ितों के लिए राहतभरी खबर, 8 घंटे में एक फीट कम हो रहा यमुना का जलस्तर

आगरा। यमुना नदी का गुस्सा शांत हो गया है। शुक्रवार को आठ घंटे में एक प्रति जलस्तर की कमी आई। रात तक जलस्तर 151.79 मीटर पर पहुंच गया। शनिवार सुबह तक जलस्तर चेतावनी बिंदु (151.40 मीटर) से कम हो जाएगा।

जलस्तर में कमी आने से बाढ़ पीड़ित लोगों ने घरों में वापस आना शुरू कर दिया है। जल्द ही सभी बस्तियों और गांवों में सफाई अभियान चलाया जाएगा। वहीं शहरी क्षेत्र में अभी तीन बाढ़ राहत शिविर चलेंगे।

हथिनीकुंड बैराज सहारनपुर से शुक्रवार सुबह साढ़े 22 हजार क्यूसेक, ओखला बैराज से 37 हजार क्यूसेक और गोकुल बैराज से एक लाख क्यूसेक यमुना नदी में पानी छोड़ा गया। गोकुल से अधिक मात्रा में पानी छोड़ने के चलते जिस तरीके से जलस्तर में तेजी से कमी आनी चाहिए। वह नहीं आ रही है।

151.79 मीटर पर पहुंचा जलस्तर, बस्तियों-गांवों में चालू होगा सफाई अभियान

कैलाश घाट, दयालबाग, बल्केश्वर, जीवनी मंडी रोड, मोती महल, नगला बिहारी, घाट बजरिया, तनौरा, नूरपुर, बरौली गूजर, मेहरा नाहरगंज सहित अन्य बस्तियों और गांवों में पानी कम हो रहा है। कीचड़ और गंदगी फैली हुई है। लोग घरों की सफाई कर रहे हैं। शुक्रवार को गंदगी को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के पास कई फोन पहुंचे।

नगर निगम और जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में शिकायतों की जानकारी भेज दी गई। एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में नजर रखी जा रही है। जलस्तर में कमी आ रही है। शनिवार तक नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु से नीचे आ जाएगा।

न बनाएं रील्स, नदी से रहें दूर

डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने यमुना नदी से दूर रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नदी का जलस्तर भले ही तेजी से कम हो रहा है। जिस तरीके से लोग रील्स और सेल्फी लेने के लिए जान खतरे में डाल रहे हैं। इससे लोगों को बचाना चाहिए।

नालों से शुरू हुई जल निकासी

यमुना नदी में दर्जनभर से अधिक नाले गिरते हैं। जलस्तर में कमी होने से नालों से जल निकासी ठीक तरीके से शुरू हो गई है। यमुना किनारा रोड स्थित हाथीघाट में पानी में कमी आई है। अभी तक नगर निगम की टीम द्वारा पूरी तरह से पानी की निकासी नहीं की गई है।

कैलाश मंदिर के खुले पट, महालक्ष्मी मंदिर के बंद

यमुना नदी के जलस्तर में कमी के चलते शुक्रवार को सिकंदरा स्थित कैलाश मंदिर के पट खुल गए। पहले दिन बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। खतरे के निशान से यमुना के ऊपर पहुंचने पर मंदिर के पट भक्तों के लिए बंद कर दिए गए थे। वहीं बल्केश्वर स्थित महालक्ष्मी मंदिर के पट अभी बंद हैं। मंदिर के पास दीवार गिर गई थी। इसके बाद पट को बंद कर दिया गया था।

विद्युत शवदाह गृह हुआ चालू

ताजगंज विद्युत शवदाह गृह और मोक्षधाम के रास्ते में भरा पानी तेजी से कम हो रहा है। शुक्रवार को चार दिनों से बंद विद्युत शवदाह गृह को चालू कर दिया गया। वहीं मोक्षधाम के लिए अब लोग सीधे मुख्य मार्ग से होकर जा रहे हैं। वहीं कैलाश श्मशान घाट और पोइया घाट में अभी भी चितास्थल जलमग्न हैं।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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