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75% काम पूरा…मुंबई-गुजरात से कनेक्ट होगा MP, किया जाएगा भूमि अधिग्रहण

इंदौर शहर का डेड एंड खत्म करने के लिए इंदौर-दाहोद रेल लाइन का काम किया जा रहा है। करीब 20 साल पुराने इस प्रोजेक्ट के तहत धार तक साल के अंत तक ट्रेन चलाने का दावा पूरा होता नहीं दिख रहा है। टीही में बन रही टनल का काम अधूरा है। पटरियां भी नहीं बिछी हैं। कई साइट्स पर भूमि अधिग्रहण की प्रकिया अटकी है।

मालूम हो, 204.76 किमी में इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए 1873.10 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं। इंदौर से धार तक करीब 75 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। धार लाइन से इंदौर का दाहोद, छोटा उदयपुर के जरिये मुंबई-गुजरात से सीधा जुड़ाव होगा। इस प्रोजेक्ट में सबसे महत्वपूर्ण टीही टनल है। धार तक 21 ब्रिज बनने हैं, जिनमें से 19 का काम पूरा हो गया है। धार का स्टेशन मांडू के जहाज महल की प्रतिकृति में बनाया जा रहा है। इंदौर से टीही तक 21 किमी ट्रैक बन चुका है। इसके अलावा कई जगह काम धीमा है।

टीही से पीथमपुर: 8.29 किमी के इस हिस्से की लाइन टीही से शुरू होती है। टीही से पीथमपुर तक पटरियां बिछ चुकी हैं। राऊ से बिछे ट्रैक और नई पटरियों के बीच टनल का काम पूरा नहीं हुआ है। जब तक टनल पूरी नहीं होगी, तब तक पटरियां नहीं बिछाई जा सकेंगी।

पीथमपुर से सागौर: 9.12 किमी के हिस्से में पीथमपुर से सागौर के बीच पटरियां बिछाई जा चुकी हैं। पीथमपुर में स्टेशन का काम चल रहा है, लेकिन स्टेशन भवन के अलावा भूमि अधिग्रहण नहीं हो सका है।

सागौर से गुणावद: 15.14 में से 4 किमी के हिस्से में ट्रैक डल गया है। बाकी में अर्थ वर्क के बाद पटरियां नहीं बिछी हैं। दो ब्रिज का काम बाकी है। स्टेशन का काम भी पूरा नहीं हुआ है।गुणावद से धार: 14.02 में से 9.8 किमी तक पटरियां डाली जा चुकी हैं। 2 ब्रिज का काम अधूरा है। धार में स्टेशन का स्ट्रक्चर खड़ा हो गया है। अर्थ वर्क के बाद पटरियां डल सकेंगी।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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