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विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर वेदांता एल्युमीनियम ने कालाहांडी के रूपान्तरण पर डाली रोशनी, यह ज़िला आदिवासी नेतृत्व में विकास के अनुकरणीय मॉडल के रूप में उभरा

शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्थायी विकास, गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विकास, खेल एवं संस्कृति के प्रोत्साहन- को बढ़ावा देते हुए वेदांता एल्युमीनियम ने आदिवासी ज़िले कालाहांडी को समावेशी एवं सतत प्रगति के प्रतीक के रूप में उभरने में मदद की है।
रायपुर/ विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर भारत में एल्युमीनियम की सबसे बड़ी उत्पादक वेदांता एल्युमीनियम ने कालाहांडी के प्रेरक रूपान्तरण का जश्न मनाया, एक ज़िला जो कभी गरीबी एवं अभाव का पर्याय था, लेकिन आज आदिवासी नेतृत्व के विकास एवं बुनियादी सशक्तीकरण के लिए राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभरा है।
2001 में उड़ीसा के सकल ज़िला घरेलू उत्पाद (जीडीडीपी) में कालाहांडी का योगदान 1 फीसदी से भी कम था और औसत प्रति व्यक्ति आय मात्र 19000 तक थी। वेदांता एल्युमीनियम के सामुदायिक-उन्मुख दृष्टिकोण के चलते, लांजीगढ़, कालाहांडी में कंपनी की एल्युमीनियम रिफाइनरी के माध्यम से यह एक महत्वाकांक्षी ज़िला बन गया है तथा नीति आयोग के प्रोग्राम के तहत स्वास्थ्य एवं पोषण की दृष्टि से उड़ीसा में पहले स्थान पर व शिक्षा में दूसरे स्थान पर आ गया है। 2003 से 2015 के बीच ज़िले का सकल ज़िला घरेलू उत्पाद 16 फीसदी बढ़ गया, जो राज्य के औसत की तुलना में दो गुना से भी अधिक है।

हाल ही में उड़ीसा में नीति आयोग की अध्यक्षता में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान महिला एवं बाल स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा एवं कृषि सहित छह में से पांच विकास संकेतकों में 100 फीसदी सफलता हासिल करने के लिए कालाहांडी की सराहना की गई।
वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ, राजीव कुमार ने कहा, ‘‘विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर हम कालाहांडी की रूपान्तरण की कहानी पर गर्व महसूस कर रहे हैं, एक समय था जब यह क्षेत्र घोर गरीबी के लिए जाना जाता था, जो अब आदिवासी समुदायों के नेतृत्व में विकास की ओर बढ़ रहा है। वेदांता एल्युमीनियम में हम कारोबार के दायरे से बढ़कर; अपने संचालन क्षेत्रों में, खासतौर पर ग्रामीणों के उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए प्रयासरत हैं। समाज कल्याण की दिशा में हमारे प्रयास आदिवासियों की पहचान तथा समावेशी एवं स्थायी विकास की अवधारणा पर आधारित हैं।’’

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वेदांता एल्युमीनियम विभिन्न क्षेत्रों में अपने सतत प्रयासों के ज़रिए कालाहांडी के लोगों को सशक्त बना रही हैः
शिक्षाः डीएवी वेदांता इंटरनेशनल स्कूल, कालाहांडी का पहला अंग्रेज़ी माध्यम का संस्थान है, जहां वर्तमान में 1300 से अधिक छात्र पढ़ रहे हैं। इनमें से 83 फीसदी छात्र आदिवासी समुदायों से हैं। स्मार्ट क्लासरूम्स, एकेडमिक मॉनिटरिंग तथा मिनी साइसं सेंटर एवं ज्ञानश्री स्कॉलरशिप्स के माध्यम से आदिवासी छात्र अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। नीट और जेईई के लिए कोचिंग के चलते उन्हें इंजीनियरिंग, मेडिसिन एवं रीसर्च में करियर बनाने में मदद मिल रही है।

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चिकित्सा सेवाएंः लांजीगढ़ में वेदांता का अस्पताल हर साल 60000 से अधिक लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान करता है, इनकी मोबाइल हेल्थ युनिट्स दूरदराज के आदिवासी गांवों में 20,000 अतिरिक्त गांवों तक अपनी सेवाएं पहुंचाती हैं। स्वास्थ्य जागरुकता अभियान आधुनिक चिकित्सा में भरोसा बढ़ा रहे हैं, साथ ही हाइजीन, पोषण एवं मातृ देखभाल को सुनिश्चित कर रहे हैं। 2024 में 120 गांवों में 1 लाख से अधिक लोगों को वेदांता के हेल्थकेयर प्रयासों से लाभ हुआ है।
खेलः वेदांता एल्युमीनियम का बुनियादी तीरंदाज़ी प्रशिक्षण प्रोग्राम 300 से अधिक बच्चों को प्रशिक्षित कर चुका है, इस प्रोग्राम के तहत बच्चों को नेशनल कोच, आधुनिक उपकरण एवं पोषण में सहयोग प्रदान किया जाता है। 2024 में इन युवा एथलीट्स ने 40 मैडल जीते। ओलम्पियन राहुल बैनर्जी अब इस पहल के मेंटर हैं।

कला एवं संस्कृतिः प्रोजेक्ट आदिकला के माध्यम से वेदांता ने बांधपारी और कंकेरी जैसे गांवों में सौरा और ढोकरा कला रूपों को पुनर्जीवित किया है, इन कारीगरों को फिर से गौरव के साथ काम करने और मुनाफ़ा कमाने के अवसर मिले हैं। इन कारीगरों की संख्या अब 120 तक पहुंच गई है। प्रदर्शनियों में भागीदारी तथा ओरमास एवं ट्राइफेड के साथ जुड़ाव ने आदिवासी कला को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।

महिला सशक्तीकरणः प्रोजेक्ट सखी के माध्यम से 471 स्वयं-सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं और 4900 महिलाओं को सशक्त बनाया गया है। उन्हें उद्यमी, किसान और सामुदायिक लीडर बनने में मदद की गई है। ये महिलाएं 1500 से अधिक आय-सृजन गतिविधियों में सक्रिय हैं। क्षमता निर्माण सत्रों के माध्यम से 600 महिलाओं को आर्थिक साक्षरता एवं उद्यम विकास में प्रशिक्षित किया गया है।

कौशल एवं आजीविकाः नाबार्ड के सहयोग से वेदांता के कौशल विकास प्रोग्राम ने आदिवासी युवाओं को वेल्डिंग, टेलरिंग, हॉस्पिटेलिटी एवं डिजिटल सर्विसेज़ जैसे व्यवसायों में प्रशिक्षित किया है। उन्हें स्थानीय स्तर पर रोज़गार पाने में मदद की है, जिससे माइग्रेशन के मामले कम हुए हैं। कृषि के विकास को बढ़ावा देते हुए केला, स्ट्रॉबैरी जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों के लिए किसानों की मदद की जाती है, उन्हें सौर सिंचाई एवं ड्रिप सिस्टम के माध्यम से भी सहयोग प्रदान किया जाता है। इन प्रयासों के चलते किसानों की आय बढ़ी है और आदिवासी समुदायों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।

कालाहांडी का रूपान्तण मात्र एक सफलता नहीं बल्कि सिस्टम के स्तर का बदलाव है। यहां उद्योग और आदिवासी पहचान एक साथ विकसित हुए हैं। हम विश्व आदिवासी दिवस का जश्न मना रहे हैं, इस बीच कालाहांडी हर उस आदिवासी जिले के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनकर उभरा है जो समावेशी विकास के पथ पर अग्रसर है।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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