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बारिश के बीच रेलवे के सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग की पहल, छत्तीसगढ़ में रेलवे कर रहा मेंटेनेंस पर फोकस

रायपुर। मानसून का आगमन के साथ बारिश का दौर अपने पूरे शबाब पर है। बारिश के दौरान रेलवे जैसे विशाल नेटवर्क के लिए यह कई चुनौतियां भी साथ लाता है। रेल पटरियों पर जलभराव, सिग्नल प्रणाली में नमी प्रवेश, बिजली आपूर्ति में व्यवधान जैसी समस्याएं मानसून में सामान्य हैं, जो रेल संचालन को प्रभावित कर सकती हैं। छत्तीसगढ़ में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का सिग्नल एवं दूरसंचार (एसएंडटी) विभाग विशेष सावधानियों के साथ मानसून के दौरान भी रेल परिचालन को संरक्षित, समयबद्ध एवं निर्बाध बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा रेलवे स्टेशनों के प्वाइंट एवं ट्रैक सर्किट क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति को रोकने हेतु यार्डों की जल निकासी प्रणाली की सफाई कराई गई है। मानसून से पहले ही सभी सुधारात्मक कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। साथ ही, आकाशीय बिजली से बचाव के लिए कई स्टेशनों पर सेल्फ-रिस्टोरिंग PPTC फ्यूज लगाए गए हैं, जिससे उपकरणों की सुरक्षा और संचालन की विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके।

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सिग्नल प्रणाली की नमी से रक्षा
सभी सिग्नल पोस्ट की जांच कर उनके अंदर पानी या नमी के रिसाव की संभावनाओं को पूरी तरह समाप्त किया गया है । सिग्नल इकाइयों को विशेष गैस्केट और सीलिंग से सुरक्षित किया गया है । सिग्नल लैंपों के प्रत्येक छिद्र को बंद कर पूरी प्रणाली को मौसमरोधी बनाया गया है।

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रिले रूम एवं उपकरण कक्षों की मरम्मत
रिले रूम, बैटरी रूम और पैनल रूम की छतों की सफाई कर पानी जमा होने की स्थिति से बचाव किया गया है। क्षतिग्रस्त खिड़कियाँ, दरवाजे और छतों की मरम्मत समय रहते की गई है। ड्रेनेज पाइपों को भी साफ कर किसी भी तरह की रुकावट को दूर किया गया है। लोकेशन बॉक्सों की भी गहन जांच कर आवश्यक मरम्मत की गई है।

बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के उपाय
मानसून के दौरान विद्युत आपूर्ति में संभावित व्यवधान को ध्यान में रखते हुए स्टैंडबाय पावर सप्लाई की व्यवस्था की गई है। जहां कहीं भी बिजली आपूर्ति में अनियमितता पाई गई, वहाँ जेनेरेटर सेट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, ताकि बैटरी निरंतर चार्ज हो सकें और सिग्नलिंग व्यवस्था सुचारु बनी रहे।

केबल और उपकरणों की सतत निगरानी
पुराने या क्षतिग्रस्त केबलों को मानसून से पहले ही बदला गया है। सभी जंक्शन बॉक्स, लोकेशन बॉक्स तथा सिग्नल पोस्ट में केबल की इंसुलेशन जांच की गई है और अर्थ फॉल्ट को दूर किया गया है। सभी महत्वपूर्ण उपकरण जैसे ब्लॉक इंस्ट्रूमेंट, आईपीएस, एक्सल काउंटर, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग आदि पर उचित अर्थिंग की गई है और उनकी कार्यक्षमता सुनिश्चित की गई है।

निरंतर समीक्षा और सुधार की व्यवस्था
जोनल मुख्यालय स्तर पर सभी विभागों के अधिकारी और पर्यवेक्षक प्रतिदिन पर फेलियर की समीक्षा करते हैं और आवश्यक सुधारात्मक सुझाव प्रदान करते हैं। इन सुझावों का पालन कर्मचारीगण पूरी तत्परता से करते हैं, जिससे संपूर्ण प्रणाली की दक्षता और विश्वसनीयता बनी रहती है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग मानसून की कठिन परिस्थितियों में भी रेल संचालन को संरक्षित और प्रभावी बनाए रखने के लिए अत्यंत गंभीर और सजग है। इन पूर्व तैयारियों और सावधानियों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यात्रीगण किसी भी प्रकार की असुविधा के बिना अपनी यात्रा पूरी कर सकें।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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