मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच एक नई रेल लाइन का सपना अब जल्द हकीकत बनने जा रहा है. रेलवे प्रशासन ने घोषणा की है कि भोपाल से रामगंजमंडी तक की रेल सेवा इसी वित्तीय वर्ष में शुरू करने का लक्ष्य है. पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर की महाप्रबंधक (GM) शोभना बंदोपाध्याय ने हाल ही में इस रूट का निरीक्षण किया और काम में तेजी लाने के निर्देश दिए.
ब्यावरा रेलवे स्टेशन पर सात साल बाद फिर पहुंचे जीएम
गुरुवार शाम GM शोभना बंदोपाध्याय ने ब्यावरा रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. वह ग्वालियर से होते हुए शिवपुरी, बदरवास, गुना और रुठियाई होते हुए स्टेशन पहुंचीं. ब्यावरा स्टेशन पर करीब सात साल बाद किसी GM का दौरा हुआ है. पिछला निरीक्षण 2018 में जबलपुर ज़ोन के GM द्वारा किया गया था. महिला GM द्वारा यह पहला दौरा होने के चलते यह दौरा और भी खास रहा. उन्होंने रेलवे के सभी विभागों की कार्यप्रणाली और स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों की स्थिति को गहराई से जांचा.
20 करोड़ के स्टेशन री-डेवलपमेंट कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश
GM शोभना ने अधिकारियों से कहा कि करीब ₹20 करोड़ की लागत से चल रहे री-डेवलपमेंट कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. यह काम पहले ही चार महीने की देरी से चल रहा है, इसलिए लोकार्पण की तारीख जल्द घोषित की जानी चाहिएभोपाल से रामगंजमंडी तक की रेल लाइन पर काम कई स्तरों पर तेज़ी से किया जा रहा है. हर सेक्शन पर निर्माण, ट्रैक बिछाने और स्टेशन विकास के कार्य चल रहे हैं ताकि इस वर्ष के अंत तक यात्री सेवाएं शुरू हो सकें. उनका कहना था कि यह रूट यात्रियों की सुविधा के साथ-साथ मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच संपर्क को मज़बूत करेगा.स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं और डिज़ाइन के साथ डेवलप किया जा रहा है. इसमें स्वच्छता, वेटिंग एरिया, डिजिटल डिस्प्ले, लाइटिंग और सुरक्षा जैसे सभी आवश्यक मानकों पर काम हो रहा है. उनका कहना है कि रेल यात्रियों को बेहतर अनुभव देने के लिए स्टेशनों को स्मार्ट और सुविधा युक्त बनाया जा रहा है.
जमीन अधिग्रहण बनी देरी की बड़ी वजह
रेल लाइन की रफ्तार हाल के महीनों में जमीन अधिग्रहण को लेकर अटक गई थी. भोपाल से रामगंजमंडी के बीच नरसिंहपुर के बड़ोदिया तालाब के समीप जमीन विवाद अब तक सुलझा नहीं है. हालांकि प्रशासन ने कुरावर के तुर्कीपुरा गांव के किसानों को मनाने में सफलता पाई है, लेकिन 2017 में अधिग्रहित की गई ज़मीन का मुआवजा अब तक किसानों को नहीं मिला, जिससे निर्माण कार्य रुका हुआ है.
किसान मुआवज़े की मांग पर अड़े
कई किसान सरकारी वादों और अधूरी घोषणाओं के कारण नाराज हैं. उन्हें उम्मीद थी कि अधिग्रहण के तुरंत बाद मुआवजा मिलेगा. लेकिन छह साल से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी उन्हें भुगतान नहीं किया गया है. इस वजह से कुछ किसानों ने निर्माण कार्य रोकने की चेतावनी दी है. जिससे रेलवे के सामने एक बड़ा प्रशासनिक संकट खड़ा हो सकता है.
रेलवे प्रशासन का दावा – जल्द सुलझेगा मामला
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि राज्य प्रशासन और रेलवे के बीच बातचीत चल रही है और जल्द ही मुआवज़े की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. GM शोभना ने भी अधिकारियों से आग्रह किया है कि किसानों के साथ मिलकर समाधान निकाला जाए, ताकि परियोजना में देरी न हो.
क्यों है यह रेल लाइन रणनीतिक रूप से अहम?
- यात्रियों को कम दूरी और कम समय में यात्रा करने की सुविधा मिलेगी.
- यह रेललाइन राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच सीधा संपर्क प्रदान करेगी.
- भोपाल, ब्यावरा, रुठियाई, गुना, शिवपुरी और रामगंजमंडी जैसे महत्वपूर्ण कस्बों और शहरों को जोड़ने का कार्य करेगी.
- इससे व्यापार, पर्यटन और रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे.