मोर गांव मोर पानी महा अभियान के द्वारा जल संरक्षण बनेगा जन आंदोलन
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने किए जा रहे हैं अनेकों प्रयास
महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत अमृत सरोवर निर्माण, नया तालाब निर्माण, पुराने तालाबों का गहरीकरण, डबरी निर्माण, नदी नालो का पुनरद्धार अंतर्गत गाद निकासी जैसे कार्यों में ग्रामीणों को मिल रहा रोजगार
कवर्धा, मई 2025। बिन पानी सब सून, यह पुरानी कहावत है जो बताती है कि मानव जीवन एवं पूरे पृथ्वी के लिए पानी कितना महत्वपूर्ण घटक है। जल संरक्षण हमारे वर्तमान और भविष्य के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि पानी के बगैर जीवन की कल्पना भी संभव नही है। पानी की कमी के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, और यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हमसब मिलकर पानी का संरक्षण करें और उसे दूषित होने से बचाएं। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मोर गांव मोर पानी महाअभियान की शुरुआत किया गया है। इस अभियान के द्वारा कबीरधाम जिले के सभी ग्राम पंचायतो में हर खेत में पानी हर घर में खुशहाली का संकल्प लिया जा रहा है। और यह तभी संभव है जब समाज के सभी लोग मिलकर इस दिशा में सकारात्मक पहल करें।
जल संरक्षण के लिए परंपरागत स्रोतों का करे उन्नयन- कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा
जल संरक्षण के संबंध में चर्चा करते हुए कलेक्टर कबीरधाम श्री गोपाल वर्मा ने कहा कि हमें जल संरक्षण के लिए जागरूक रहते हुए जल संरक्षण के सभी तरीकों को अपनाना होगा। अगर हम आज जल संरक्षण नहीं करते हैं, तो आने वाली भावी पीढ़ियां स्वच्छ पानी के लिए तरस जाएंगी। जल संरक्षण करने से भू-जल स्तर में वृद्धि होगी इसके लिए जरूरी है कि हम सभी परंपरागत पानी के स्रोतों का उन्नयन करें तालाबों को वर्षा ऋतु के पूर्व सफाई एवं नए स्रोतों का निर्माण आदि। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने आगे कहा कि शासन की योजनाओं से पानी रोकने में मदद करने वाले सभी निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर जिले में कराया जा रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से नए तालाबों का निर्माण, पुराने तालाबों का गहरीकरण, नदी नालों का पुनरद्धार अंतर्गत गाद सफाई कार्य,अमृत सरोवर निर्माण, डबरी निर्माण जैसे प्रमुख कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे है। एक ओर जहां इन कार्यों से जल संरक्षण के लिए परिसंपत्तियों का निर्माण हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को बड़ी मात्रा में इससे रोजगार मिल रहा है।
मोर गांव मोर पानी महा अभियान का बने हिस्सा, निभाए अपनी सामाजिक जिम्मेदारी- सीईओ जिला पंचायत
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अजय कुमार त्रिपाठी ने लोगों से मोर गांव मोर पानी महा अभियान में अपनी भागीदारी निभाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सामूहिक चर्चा, संगोष्ठी, दीवार लेखन, ग्राम सभा की बैठक, रोजगार दिवस के दौरान ग्रामीणों से चर्चा जैसे प्रमुख आयोजनों में वर्षा ऋतु के दौरान अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग को प्रोत्साहित करने कहा जा रहा है। सभी ग्राम पंचायतो में इस वर्ष भू-जल स्तर को पंचायत भवन के बाहर लिखा जा रहा है। जिससे ग्रामीणों को पता चल सके कि उनके क्षेत्र में भू-जल स्तर की वर्तमान स्थिति क्या है और उसे सुधारने के लिए प्रयास कितना आवश्यक है क्योंकि सीधे तौर पर यहां हमारे जीवन को प्रभावित कर रहा है।
जल संरक्षण क्यों आवश्यक है
पानी की कमी के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण है। जल प्रदूषण और सूखे के कारण पीने योग्य पानी की कमी हो रही है। भारत कृषि प्रधान देश है तथा हमारी 70 प्रतिशत आबादी कृषि कार्य पर निर्भर है जिसके लिए पानी नितांत आवश्यक है। कृषि कार्य से हमारी अर्थव्यवस्था सीधे जुड़ी हुई है। पानी की कमी से कृषक उत्पादन में कमी होने के कारण अर्थव्यवस्था में इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जिससे हम सीधे प्रभावित होते हैं। अगर आज हमने जल का संरक्षण नहीं किया, तो आने वाली भावी पीढ़ियां स्वच्छ पानी के लिए तरस जाएंगी।
जल संरक्षण के तरीके
पानी का संचयनः बरसात के पानी को तालाबो,डबरी,पैठु आदि में जमा करके जल बचाने में मदद मिल सकती है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रो तक यदि सभी शासकीय एवं निजी संस्थाओं वा घरों में बरसात का पानी जमीन में पहुंचने के लिए रूप वाटर हार्वेस्टिंग लगाई जाए तो इससे बहुत बड़ी मात्रा में जल संचय हो सकता है।जिसके परिणाम स्वरूप भू-जल स्तर में बड़ी वृद्धि होगी। पानी का कम उपयोगः अनावश्यक पानी का इस्तेमाल कम करके जल संरक्षण किया जा सकता है। टूटे-फूटे नलों की मरम्मतः टूटे-फूटे नलों से बहते अनावश्यक पानी की बर्बादी को रोककर जल संरक्षण किया जा सकता है। वृक्षों की कटाई रोकने और वृक्षारोपण करने से जल संरक्षण में बहुत मदद मिल सकती है। जल प्रदूषण रोकनाः जल प्रदूषण रोकने के लिए हमें जल स्रोतों में कूड़ा-करकट और रसायनों को नहीं डालना चाहिए।