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Dr. ने बताए कान का मैल निकालने के 3 जुगाड़, चुंबक की तरह खींचा आएगा पीला कचरा

कान में मैल जमने की वजह से सुनाई देने में कमी, कान में दर्द या भारीपन, कान में खुजली या जलन, कान से बदबू आना, कान बहना या संक्रमण, कान में सीटी या गुंजन की आवाज आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।डॉक्टर विनोद शर्मा का मानना है कि कुछ लोग कान का मैल साफ करने के लिए कुछ लोग कान में ईयर पिन डालते हैं, कुछ लोग कॉटन बड, कुछ लोग तेल या पानी डालने लगते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो गली मोहल्ले में घूमने वाले कान साफ करने वालों से साफ करा लेते हैं। इन तरीकों को आजमाने से कान में इन्फेक्शन हो सकता है। इतना ही नहीं कान के परदे में छेद भी हो सकता है।कान के मैल को ईयर वैक्स कहा जाता है। वास्तव में यह कोई गंदी चीज नहीं है। इससे कान में नमी बनी रहती है। यह कान में चिपचिपापन बनाए रखता है। यह कान को प्रोटेक्ट करता है । यह कान में धूल, मिट्टी, पानी, कण आदि को कान में घुसने से रोकता है। क्योंकि कोई भी चीज कान में जाकर उससे चिपक जाती है जिसकी वजह से कान को नुकसान नहीं होता है।कान का मैल कोई बाहरी गंदगी नहीं है। यह कान की ग्लैंड द्वारा ही बनता है। जब आप किसी चीज को चबाते हैं या मुंह को हिलाने की कोई हरकत करते हैं, तो यह कान के बाहर आता रहता है। डॉक्टर ने बताया कि जब मैल की वजह से आपको दर्द होने लगे, सुनने में परेशानी होने लगे, कान के अंदर खुजली हो रही है, कान में घंटी जैसा बजना महसूस हो रहा है, कान से बदबू आ रही है या कान में इन्फेक्शन हो गया है, तो यह संकेत हैं कि आपको कान के डॉक्टर से मिलना चाहिए।डॉक्टर ने बताया कि कान की सफाई करने के लिए आपको कानों में घी, तेल, लहसुन का पका तेल न डालें, इससे कान में फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। इसके अलावा कान में पानी न डालें, ईयर कैंडल का इस्तेमाल न करें, इसके अलावा ईयर बड आदि का इस्तेमाल न करें क्योंकि इससे मैल कान के ज्यादा अंदर जा सकता है। इसके अलावा कान में हाइड्रोजन पेरोक्साइड न डालें, इससे कान में सूजन और छाले हो सकते हैं। कान के अंदर कोई भी नुकीली चीज न डालें, इससे कान के पर्दे फट सकते हैं।डॉक्टर ने बताया कि जब तक आपको कान के मैल की वजह से कोई परेशानी नहीं नहीं हो रही है, तब उसे निकालने की कोई जरूरत नहीं है। जरूरत पड़ने पर इसे निकालने के लिए हमेशा डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टर इसे पिघलाकर बेहतर तरीके से निकाल सकता है। इसके लिए कई ड्रॉप आती हैं जिसे आप डॉक्टर की सलाह पर यूज कर सकते हैं।

इसे सीरिंज मेथड कहा जाता है। इसमें सीरिंज में थोड़ा गुनगुना पानी लेकर थोड़े प्रेशर से कान में डालेंगे तो इससे पानी के साथ-साथ कान का मैल भी बाहर आ जाता है। इसे हमेशा प्रोफेशनल की देखरेख में करें। इसके अलावा वैक्यूम का इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे कान का मैल बाहर खींच लिया जाता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।  जगन्नाथ डॉट कॉम इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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