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भारत-पाक के बीच ‘कूदा’ अमेरिका, तेज की मध्यस्थता की कोशिश; UAE और इजरायल ने किसका समर्थन किया

नई दिल्ली। मंगलवार आधी रात के बाद भारत की तरफ से पाकिस्तान और पीओके के 9 जगहों पर स्थित आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले के बाद दक्षिण एशिया में युद्ध भड़कने की आशंका के बीच अमेरिका की तरफ से दोनों पड़ोसी देशों के बीच मध्यस्थता की कोशिश तेज कर दी गई है। 

एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शीघ्र ही युद्ध के समाप्त होने की संभावना जताई है, तो दूसरी तरफ विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों से अलग अलग बात की है। रूबियो ने दोनों देशों से संयम बरतने का भी आग्रह किया है।UAE ने दी प्रतिक्रिया 

संयुक्त अरब अमीरात भी मौजूदा स्थिति पर सबसे पहले प्रतिक्रिया जताने वाला देश है। बुधवार सुबह यूएई की तरफ से भारत व पाकिस्तान से मौजूदा तनाव को और नहीं बढ़ाने की बात कही है।भारत का एक अन्य रणनीतिक साझेदार देश इजरायल ने भी आत्मरक्षा में भारत की तरफ से की गई कार्रवाई का समर्थन किया है। नई दिल्ली में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा है कि आतंकियों को यह मालूम होना चाहिए कि उनके लिए कोई जगह सुरक्षित नहीं है। 

भारतीय विदेश मंत्री ने दिया ये संदेश 

ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के कुछ घंटे बाद ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर यह लिखा है कि, “आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को जीरो-टॉलेरेंस की नीति दिखानी चाहिए।”अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान 

अमेरिकी विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “मैं भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा स्थिति पर करीब से नजर रख रहा हूं। आज सुबह राष्ट्रपति ट्रंप ने भी जो उम्मीद जताई है मैं उसको दोहराता हूं कि तनाव शीघ्रतापूर्ण खत्म होनी चाहिए। हम शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों के ही शीर्ष नेताओं से संपर्क बना कर रखेंगे।”रूबियो ने दोनों देशों के NSA से की बात 

रूबियो ने भारत व पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों से अलग-अलग बात करने की बात भी कही है। अमेरिका में भारतीय दूतावास की तरफ से बताया गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नौ स्थलों पर कार्रवाई के बाद एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिका के एनएसए और विदेश मंत्री से अलग अलग बात कर उन्हें जानकारी दी है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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