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यूएस रिटर्न समीर रंजन भिलाई में शुरू करेंगे छत्तीसगढ़ का पहला एआई लैब, एक साल में 25 सेंटर खोलने का है लक्ष्य

भिलाई। आम जीवन में बढ़ती एआई तकनीक को लेकर हर किसी में उत्सुकता है। भिलाई में प्रतिभा की कमी नहीं है। शहर साथ ग्रामीण युवाओं को भी एआई तकनीक से पारंगत करने की इच्छा रखने वाले समीर रंजन भिलाई में छत्तीसगढ़ का पहला एआई लैब शुरू करने वाले हैं। गुरुवार को उन्होंने प्रेस वार्ता के माध्यम से इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि एक साल में छत्तीसगढ़ के भीतर 25 केन्द्र व तीन साल में 100 केन्द्र खोलने का उनका लक्ष्य है।

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भिलाई में जन्मे समीर रंजन की पहचान विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त एआई विशेषज्ञ, उद्यमी और शिक्षक के रूप में हैं। उनके पिता वर्तमान में भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत हैं। एनआईटी रायपुर से बीटेक करने के बाद समीर रंजन यूएस चले गए। इन्होंने अपनी विशेषज्ञता से मायामाया और मेडिकोएड जैसे एआई-संचालित प्लेटफ़ॉर्म का निर्माण किया हैं, जिनसे दुनिया के विभिन्न देशों के व्यवसायों, छात्रों और नौकरी चाहने वालों को एआई तकनीकी से सशक्त बनाते हैं। समीर रंजन पेटेंट और सीडीएओ सर्किल द्वारा एआई इन्फ्लुएंसर ऑफ़ द ईयर और यूटी डलास द्वारा एलुमनस ऑफ़ द ईयर जैसी वैश्विक मान्यता के साथ, वर्तमान में समावेशी, किफ़ायती और विश्व स्तरीय एआई शिक्षा के माध्यम से ग्रामीण भारत को बदलने की अपनी कार्ययोजना को भारतीय ग्रामीण परिवेश में सफल संचालन इरादे से आए हैं। इसी कड़ी में वे भिलाई में पहला एआई लैब जुनवानी में शुरू करने की वाले हैं।

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प्रेस वर्ता के माध्यम से समीर रंजन ने बताया कि भारतीय एआई लैब्स और करियर सेंटर की मुख्य पहल ग्रामीण क्षेत्र में एआई साक्षरता और वैश्विक करियर के अवसरों को जमीनी स्तर पर लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जिसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ के गांवों और छोटे शहरों से होगी। आर्थिक और भौगोलिक बाधाओं को दूर कर यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण युवा एआई क्रांति में पीछे न रहें, और A। नवाचार के माध्यम से अपने भविष्य को बेहतर आकार दें। समीर रंजन का कहना है कि ग्रामीण युवाओं की अप्रयुक्त क्षमता और जीवन को बदलने की एआई की शक्ति दोनों को समझता हूं। हर छात्र यहां तक कि छत्तीसगढ़ के सबसे दूरदराज के इलाके से आने वाले छात्र भीबड़े सपने देख सके, निडर होकर निर्माण कर सके और वैश्विक स्तर पर सफल हो सके।

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समीर रंजन ने बताया कि आर्थिक पृष्ठभूमि के निबंधन का तोड़ कर एआई शिक्षा को सार्वभौमिक रूपसे सुलभ बनाना। टियर 3 और ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को व्यावहारिक एआई सुलभ रूपसे उपलब्ध करना और एमएल और डेटा विज्ञान जैसे कोशल से लैस करना। क्षेत्र के परिसीमा से आगे बढ़कर, वैश्विक रूपसे रोजगार योग्य विशेषज्ञों को तैयार एक समूह का गठन करना। क्षेत्रानुसार जरूरतोंके हिसाब से एआई अनुप्रयोगों का उपयोग और स्थानीय चुनौतियों को हल करने के लिए विभिन्न समुदायों को सशक्त बनाना। ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में एआई-संचालित उद्यमिता की पहुंच और इन्हें बढ़ावा देना।

एआई लैब की यह होगी विशेषता

  • पूर्ण रूपसे इंटरनेट एक्सेस के साथ हीआवश्यकतानुसार 10 से 20 कंप्यूटर की उपलब्धता
  • पूर्ण रूपसे पावर बैकअप, एयर-कूल्ड डिजिटल क्लासरूम।
  • देश एवं विदेश से विशेषज्ञों के साथ विभिन्न सत्रों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेटअप।
  • क्यूरेटेड एआई और उद्यमिता आधारित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुस्तकों के साथ स्थानीय पुस्तकालय।
  • AI लर्निंग इकोसिस्टम, AI पाठ्यक्रम पायथन, डेटा विजुअलाइजेशन, ML, NLP, GenAI, कंप्यूटर विज़न, नैतिक AII
  • उपकरण और प्लेटफॉर्म TensorFlow, Hugging Face, ChatGPT API, Streamlit, GitHub, आदि के साथ व्यावहारिक अनुभव।

करियर और मेंटरशिप सहायता

  • दूरस्थ कार्य पथ : रिज्यूम बनाना, लिंक्डइन ब्रांडिंग, अपवर्क, टॉपटल जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर फ्रीलांसिंग।
  • स्टार्टअप सहायता : AI-आधारित ग्रामीण उपक्रमों कृषि तकनीक, शिक्षा तकनीक, स्वास्थ्य तकनीक को लॉन्च करने के लिए मार्गदर्शन।
  • वैश्विक एक्सपोजर : अंतर्राष्ट्रीय AI मेंटर, हथॉन और वर्चुअल इंटर्नशिप तक पहुंच।

यह छात्रों की कैसे मदद करता है

  • कौशल विकास : छात्र वास्तविक दुनिया के AI कौशल के साथ स्नातक होते हैं, नौकरी और परियोजनाओं के लिए तैयार होते हैं।
  • वैश्विक नौकरी तक पहुंच : अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ संरेखित दूरस्थ प्रथम करियर में प्रशिक्षण।
  • शिक्षा की निरंतरता : शोध-संचालित परियोजनाओं के माध्यम से शीर्ष विश्वविद्यालयों और छात्रवृत्तियों के लिए मार्ग।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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