देश दुनिया

जस्टिस यशवंत वर्मा पर अब तक FIR क्यों नहीं, कब दर्ज होगी? अमित शाह ने कारण बताकर दिया जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर कैश कांड यूपी से दिल्ली तक हलचल है. सुप्रीम कोर्ट से संसद तक इस कैश कांड की गूंज सुनाई दी. सुप्रीम कोर्ट ने तो यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका ही खारिज कर दी. सबके मन में सवाल है कि आखिर जस्टिस यशवंत वर्मा के घर अनगिनत कैश मिले तो एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हो रही है? अब इसका जवाब आ गया है. जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास से कैश बरामदगी केस में केंद्र सरकार की तरफ से पहली बार बयान सामने आया है. जस्टिस यशवंत वर्मा पर अब तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई, उसका असल कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताा दिया है. जी हां, अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि इस मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अनुमति के बिना कोई FIR दर्ज नहीं की जा सकती.

दरअसल, टाइम्स नाउ समिट 2025 में अमित शाह ने जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि CJI यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया अनुमति के बाद ही FIR दर्ज की जा सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि जजों का एक पैनल मामले को देख रहा है और उसकी रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.

जस्टिस वर्मा के आवास से नकदी बरामदगी के मामले पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि CJI संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले में बताई गई प्रक्रिया के तहत मामले का संज्ञान लिया और जांच के लिए जजों की एक समिति का गठन किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और दमकल विभाग समिति द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज मुहैया करा रहे हैं. वे जांच में सहयोग कर रहे हैं. जजों की समिति मामले में फैसला लेगी और अपने फैसले को सार्वजनिक करेगी. हमें समिति की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट का क्या था फैसला
इससे पहले शुक्रवार को जज यशवंत वर्मा के खिलाफ चल रही जांच के बीच सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें जज के घर से कैश मिलने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की पीठ ने कहा कि मामले की आंतरिक जांच चल रही है और जांच के बाद भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के पास कई विकल्प होंगे. सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी जनहित याचिका पर थी.

क्या है जज के घर कैश कांड?
दरअसल,  जस्टिस यशवंत वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट के जज हैं. इससे पहले वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज थे. 14 मार्च को रात करीब 11.35 बजे लुटियंस दिल्ली स्थित जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर आग लगने के बाद कथित तौर पर नकदी मिली थी. इसके बाद दमकल अधिकारियों को मौके पर पहुंचना पड़ा था. जज के घर से स्टोर रूम में बड़ी मात्रा में कैश मिले थे. इसके बाद न्यायिक गलियारे में हड़कंप मच गया.

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button