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छोटे आम के पौधे में भी लगेंगे ढेरों फल, बस मार्च के महीने में करें ये काम

गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है, इस मौसम में सभी लोगों को फल खाना बहुत पसंद होता है। सबसे ज़्यादा जिस फल की डिमांड रहती है वह है आम। गर्मियों के मौसम में लोग अपने घरों में आम के तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं। जिन लोगों को घर में पेड़ पौधे लगाने का शौक़ होता है वे लोग अपने घर में आम का पौधा भी ज़रूर लगाते हैं। गाँव में तो हर घर में आम का पौधा पाया ही जाता है, वहीं शहर में जिन लोगों के घरों में ज़्यादा जगह होती है वे लोग भी अपने घरों में आम का पौधा ज़रूर लगाते हैं।

गर्मियों के मौसम में पेड़ पौधों को अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। गर्मी के मौसम में पौधे अच्छी फल दें इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू करनी पड़ती है। अगर देखा जाए तो मार्च के महीने से ही आम के पेड़ और छोटे पौधों पर फूल नज़र आने लगते हैं। यही फूल धीरे धीरे आम का फल बन जाते हैं।

आम के पौधों की देखभाल (Mango Plant Care)

बहुत लोगों की यह शिकायत रहती है कि अच्छी देखभाल करने के बावजूद भी आम के पौधे पर फूल नहीं आते हैं, क्या आप भी इसी समस्या से गुज़रते हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ टिप्स बताने जा रही है जिनकी मदद से आप आम के छोटे पौधे में भी फल ला सकते हैं। तो चलिए बिना देर करते हुए जान लेते हैं।

छँटाई न करें

वैसे तो पौधों की छँटाई करना अच्छा माना जाता है लेकिन छँटाई किस समय कर रही है इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मार्च के महीने में पौधों में फूल खिलते हैं, अगर इस समय हम पौधों की छँटाई करेंगे, तो पौधों में लगे सारे फूल गिर जाएंगे, ऐसे में विशेष ध्यान रखना है, फूल खिलने के समय पौधों की छँटाई न करें क्योंकि यही फूल आगे चलकर फल बनते हैं।

मिट्टी की गुड़ाई

मिट्टी की गुड़ाई करना हर पौधे के की वृद्धि के लिए बहुत ज़रूरी होता है। इस बात का ध्यान रखें कि मिट्टी की गुड़ाई तब ही करें जब मिट्टी सुखी हुई हो। गुड़ाई करते समय 2-3 इंच की मिट्टी की खुदाई करें। हो सकता है गुड़ाई करने के दौरान पौधों की ऊपर की जड़ें कट जाए लेकिन इसके लिए परेशान न हो। इससे पौधों को कुछ नुक़सान नहीं होगा।

ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करें

पौधे की बेहतर ग्रोथ के लिए बाज़ार में मिलने वाली खादों का इस्तेमाल करने की बजाय ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करें। पौधों की जड़ों में ऑर्गेनिक खादी की कम से कम 3-4 इंच की लेयर बिछा लें। कैमिकल वाली खादों से बचना चाहिए, घरेलु खाद या फिर ऑर्गेनिक खाद का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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