भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के साढ़े 6 लाख कर्मचारियों को होली के अवसर पर बड़ा तोहफा दिया है. जिसकी मांग कर्मचारी संगठन करीब 13 सालों से कर रहे थे. इतने लंबे समय से कर्मचारियों का भत्ता नहीं बढ़ाया गया था, लेकिन मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के आधार पर भत्ते देने की घोषणा की है.
1 अप्रैल 2025 से बढ़ेगा भत्ता
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार गृह विभाग के साथ विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को भत्ते देती है. इसके तहत विकलांगता भत्ता, गृह किराया भत्ता, सचिवालय भत्ता, आदिवासी क्षेत्र भत्ता, यात्रा भत्ता, जोखिम भत्ता, दैनिक भत्ता, पुलिस कर्मियों के लिए आहार भत्ता, वर्दी धुलाई और सिलाई भत्ता दिया जाता है, लेकिन साल 2010 के बाद यह राशि नहीं बढ़ने से भत्ते की राशि और उस पर होने वाले खर्च में बड़ा अंतर आ गया था. अब सरकार ने 13 साल बाद 1 अप्रैल 2025 से भत्ते को बढ़ाने का ऐलान कर प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को बड़ी राहत प्रदान की है.
परीक्षण के बाद मिलेगा भत्ते का लाभ
विधानसभा में बजट सत्र के दौरान भले ही वित्तमंत्री ने कर्मचारियों के भत्ते को 1 अप्रैल 2025 से बढ़ाने का ऐलान किया है, लेकिन इसका लाभ जरूरी नहीं की अप्रैल से ही मिले. दरअसल, सरकार ने कहा है कि सातवें वेतनमान के आधार पर भत्ता देने से पहले इसका परीक्षण कराया जाएगा. इसके बाद भत्ते की राशि तय की जाएगी. ऐसे में भले ही बढ़े हुए भत्ता 1 अप्रैल से लागू किए जाए, लेकिन कितना बढ़ेगा और कब से बढ़ी हुई राशि मिलेगी. यह तय नहीं है.
केंद्र के बराबर दिया जाए राज्य के कर्मचारियों को भत्ता
मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ भोपाल के महामंत्री उमाशंकर तिवारीने बताया कि “विधानसभा सत्र के दौरान वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के हिसाब से देने की बात की है. यह स्वागत योग्य कदम है. कर्मचारी संगठन लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह भत्ता कब से कर्मचारियों को दिए जाएंगे.सरकार इसको लेकर परीक्षण करने की बात कर रही है. ऐसे में अभी बहुत कुछ स्पष्ट होना बाकी है. उमाशंकर तिवारी ने बताया कि कर्मचारी संगठनों की मांग है कि कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के तहत केंद्र के बराबर भत्ते दिए जाए.”