छत्तीसगढ़

महासमुंद -: कौन कहता है पैसे पेड़ पर नहीं उगते! गांवों में इन दिनों पेड़ों से बरस रहा ‘सोना

महासमुंद -: कौन कहता है पैसे पेड़ पर नहीं उगते! गांवों में इन दिनों पेड़ों से बरस रहा ‘सोनाकौन कहता है पैसे पेड़ पर नहीं उगते! महासमुंद जिले के बसना पिथौरा बागबाहरा क्षेत्रो के गांवों में पैसे इन दिनों पेड़ों पर ही उग रहे हैं. पूरे इलाके में इस बार पीला सोना कहलाने वाले महुआ के फूलों की बहार आई हैइन फूलों को इकट्ठा करने वालों के चेहरे भी खिले हुए नजर आ रहे हैं, आखिर इन महुआ फूलों को बेचकर उन्हें हजारों रुपए का मुनाफा जो हो रहा है.गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की इकोनॉमी को मजबूती करने में वनोपज की अहम भूमिका है. अकेले महुआ फूल का कारोबार ही साल भर में करोड़ों रुपए का है.

कहीं-कहीं तो यह महुआ फूल बाजार तक भी पहुंचने लगे है. संग्रहण में लगे ग्रामीण इसमें हजारों रुपए की कमाई कर लेते हैं. ऐसे में कह सकते हैं कि गांवों के महुआ के पेड़ों से पीला सोना बरस रहा है.महुआ बीनने के लिए खेतों की ओर निकल रहे हैं

बता दें कि कई गांव में पेड़ों पर भारी मात्रा में महुआ हुआ है.इसकी खुशबू सड़क से गुजरने वाले राहगीरों को मोहित कर रही है. जंगल के चारों ओर महुआ की मादक खुशबू बिखर रही है. महुआ बीनने के लिए लोग पूरे परिवार के साथ सुबह से जंगलों और खेतों की ओर निकल रहे हैं. कई स्कूली बच्चे भी अपने माता-पिता के साथ महुआ बीनने जाते देखे जा सकते हैं.

एक पेड़ से हर दिन बरस रहा 15 किलो पीला सोना
इस साल महुआ की बंपर फसल होने के पीछे साफ मौसम बड़ा कारण माना जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक फिलहाल एक पेड़ से 15 से 20 किलो महुआ झड़ रहा है.

यदि मौसम ऐसे ही साफ रहा तो लोग इस वनोपज का भरपूर लाभ उठा पाएंगे. महुआ इकट्ठा करने बड़ी सुबह ही गांव के लोग बड़ी संख्या में जंगलों और खेतो की ओर निकल पड़ते हैं. सड़क से गुजरते वक्त कहीं कहीं इन्हें देखा भी जा सकता है ग्रामीण देर शाम तक पेड़ों के आसपास महुआ इकट्ठा करते दिखते हैं. 

सरकार सीधे नहीं खरीदती, औन पौन दाम पर बेच रहे
वनवासियों और गांव वालों के लिए सबसे बुरी बात ये है कि राज्य सरकार इन से महुआ सीधे तौर पर नहीं खरीदती. ऐसे में लोग स्थानीय बिचौलियों और व्यापारियों को औने पौने दाम पर महुआ बेचने को मजबूर हैं. इस माह की शुरुआत में ही महुआ फूल निकलने लगे थे. सरकार सीधे महुआ नहीं खरीद रही है, इसलिए बिचौलिए इसका पूरा फायदा ले जा रहे हैं. महुआ फूल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा शराब बनाने में किया जाता है. आमतौर पर ग्रामीण ही महुआ से शराब बनाते हैं.!

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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