छत्तीसगढ़

1500 करोड़ पानी में….कलेक्टर आंख मूंदे रहे, RES के इंजीनियरों ने कागजों में स्कूल भवनों का जीर्णोद्धार और रंग-रोगन कर डाला

छत्तीसगढ़ में स्कूलों के जीर्णोद्धार और रंग-रोगन के नाम पर बड़ा खेला हो गया। स्कूल शिक्षा विभाग और आरईएस के इंजीनियर मिलकर कागजों में स्कूलों की रंगाई-पोताई कर दी और मुख्यमंत्री जतन योजना का 2000 करोड़ में से 1500 करोड़ हजम कर गए। इसमें जिलों के कलेक्टरों को भी उपकृत किया गया। इसलिए कलेक्टरों ने आंख मूंद लिया। इस खेल को बड़ी योजनाबद्ध ढंग से अंजाम दिया गया। 2022 में बरसात के समय स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सूबे के जर्जर स्कूलों में हो रहे हादसों को रोकने का हवाला देते हुए सरकार को स्कूलों के जीर्णाद्धार और अतिरिक्त कमरे बनाने का प्रस्ताव दिया। सरकार ने मुख्यमंत्री जतन योजना नाम से 2000 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिया। जिले के कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी ने मिलकर आरईएस को यह काम सौंप दिया। पता चला है, साल भर के भीतर ही 1500 रुपए स्वाहा कर दिया गया। हर जिलों में दो-चार प्रायमरी और मीडिल स्कलों को सामने से पोताई कराकर दो-चार स्टीकर लगा दिए गए। और फिर अफसरों के व्हाट्सएप गु्रपों में उसे भेजकर वाहवाही बटोर ली गई। मगर हकीकत कुछ और थी। अफसरों का कहना है, 95 फीसदी से अधिक स्कूलों में रती भर काम नहीं हुआ। और काम पूर्णता का सर्टिफिकेट जमा कर पैसे निकाल लिए गए।

इसलिए बच गए 500 करोड़

500 करोड़ इसलिए बच गया, क्योंकि तब तक सरकार बदल गई। और नई सरकार ने पुराने निर्माण कार्यो पर रोक लगा दिया। बताते हैं, अधिकांश स्कूलों में ढेला भर भी काम नहीं हुआ। और डीईओ, बीईओ के निर्देश पर प्राचार्यों और हेड मास्टरों ने लिखकर दे दिया कि उनके यहां जीर्णोद्धार के साथ ही रंग-रोगन करके उनके स्कूल को चकाचक कर दिया गया है।

सीएम विष्णुदेव से शिकायत

दिसंबर 2023 में सरकार बदलने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को इसकी शिकायत हुई। इसी के बाद उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग का रिव्यू किया। इसमें उन्होंने अफसरों से कैफियत मांगी। बैठक में ही उन्होंने सिकरेट्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी को जांच कराने का निर्देश देते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करने कहा।

कलेक्टरों को पत्र

मुख्यमंत्री का निर्देश मिलते ही स्कूल शिक्षा विभाग हरकत में आया और सिकरेट्री ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिख स्कूलों का विशेषज्ञ कमिटी से जांच करवा 15 दिन में इसकी रिपोर्ट मांगी है। सिकरेट्री ने कलेक्टरों को दोषी लोगों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने का भी निर्देश दिया है।

1500 करोड़ स्वाहा

मुख्यमंत्री जतन योजना के लिए आरईएस को एजेंसी बनाया गया। आरईएस के खटराल इंजीनियरों ने जिला मुख्यालयों के अपने एसी कमरों में बैठे-बैठे कंप्यूटर में स्कूल भवनों का जीर्णोद्धार और रंग-रोगन कर 1500 करोड़ रुपए स्वाहा कर दिया।

डीपीआई के पत्र का जवाब नहीं

इससे पहले इसी साल फरवरी में सभी जिले के जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के कार्यों का थर्ड पार्टी से मूल्यांकन कर रिपोर्ट भेजने कहा गया था। डीपीआई दिव्या मिश्रा ने मार्च में रिमाइंडर भेज कहा कि निर्देश जारी होने के बाद भी अभी तक अधिकांश डीईओ ने रिपोर्ट नहीं भेजी है। रिमाइंडर में उन्होंने इस बात का भी निर्देश दिया था कि बिना थर्ड पार्टी से मूल्यांकन कराए फायनल पेमेंट न किया जाए। फिर भी कोई रिप्लाई नहीं आने पर सिकरेट्री ने कलेक्टरों को जांच कर रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया

Manoj Mishra

Editor in Chief

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