कोरबा (एजेंसी)। कोरबा के मडिकल कॉलेज जिला अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही एक बार फिर से उजागर हुई है। हृदयाघात से मौत के बाद ट्रक चालक को पोस्टमार्टम को लेकर परिजन डॉक्टरों को फोन लगा लगाकर थक गए, लेकिन चिकित्सक अस्पताल आने का नाम नहीं ले रहे थे।
एसईसीएल की कुसमुंडा कोल परियोजना में नियोजित एक निजी कंपनी में ट्रक चालक के रुप में काम करने वाले नंद लाल चौहान की तबियत बीती रात अचानक खराब हुई। जिसे पहले बांकी स्थित एसईसीएल के विभागीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिर उसे एक निजी चिकित्सक के पास ले जाया गए उसने भी उपचार करने में खुद को असमर्थ बताया। लिहाजा परिजन रात करीब दो बजे उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सुबह 11 बजे पंचनामा की प्रक्रिया संपन्न हो गई लेकिन डॉक्टर दो बजे तक पोस्टमार्टम के लिए नहीं पहुंचे। जिससे परिजनों को काफी परेशान होना पड़ा।
मृतक के परिजन शाकिर अंसारी ने बताया कि मौत होने के बाद पुलिस के द्वारा पंचनामा करवाई करने के कई घंटे बीत जाने के बाद भी डॉक्टर पीएम के लिए नहीं आ रहे थे। जिसके चलते उन्हें दर-दर भटकना पड़ा। जब उन्होंने ऊपर प्रबंधन से बात की तब जाकर डॉक्टर पीएम के लिए पहुंचे लेकिन उन्हें काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा। यह किसी और के साथ न हो, इसे लेकर प्रबंधन को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बताया जा रहा है कि मृतक बिहार का निवासी है और उसका अंतिम संस्कार वहीं होना है। इस मामले में जिस तरह से चिकित्सकों की संवेदनहीनता सामने आई है। उस पर प्रबंधन को ध्यान देने की जरुरत है।
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