हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने न्यूनतम पुनरीक्षण वेतन मामले में शुक्रवार को फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि मध्य प्रदेश न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड की बैठक बुलाकर टेक्सटाइल उद्योग के श्रमिकों का न्यूनतम वेतन दो माह में निर्धारित करें। यानी टेक्सटाइल उद्योग में काम करने वाले करीब 4 लाख श्रमिकों को छोड़कर शेष (करीब 21 लाख) श्रमिकों को अगले माह से बढ़ा हुआ वेतन मिल सकता है।
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स(सीटू)’ के अधिवक्ता बाबूलाल नागर ने कोर्ट में तर्क दिया कि न्यूनतम वेतन का नोटिफिकेशन 1 अप्रैल 2024 को जारी किया गया था, उसमें सरकार ने स्थगन खत्म होने के बाद जनवरी 2025 में कैसे संशोधन कर दिया। श्रमिकों को दो श्रेणियों में कैसे बांट दिया। ये गलत है और इसे लेकर हम आगे की कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। नागर ने बताया कि सरकार ने श्रमिकों को दो श्रेणी में बांट दिया है।
टेक्सटाइल उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों के लिए अब अलग से न्यूनतम वेतन तय किया जाएगा। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि प्रक्रिया का पालन करते हुए अगले दो माह में टेक्सटाइल उद्योग के श्रमिकों का न्यूनतम वेतन, ग्रेड और कब से देंगे यह तय करें। दरअसल, मध्य प्रदेश न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड ने साल 2019 में श्रमिकों का वेतन 25% बढ़ाने की सिफारिश की थी। मध्य प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2024 से इस सिफारिश को लागू किया।
श्रमिकों को एक माह ही बढ़ा हुआ वेतन मिल पाया और एमजी टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन ने 4 मार्च-24 को जारी वेतनवृद्धि की अधिसूचना की वैधता को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में चुनौती दे दी। हाईकोर्ट ने इस पर स्टे दे दिया। जिसे 3 दिसंबर 2024 को हटा दिया। इसके बाद सरकार को सभी श्रमिकों को बढ़ा हुआ न्यूनतम वेतन देना था पर सरकार ने जनवरी 2025 में श्रमिकों को दो श्रेणियों में बांटते हुए नया प्रपोजल रख दिया। इसके तहत टेक्सटाइल उद्योग के श्रमिकों का न्यूनतम वेतन अगले से तय करना है।
वेतन बढ़ोतरी की लड़ाई जारी रहेगी
यह जीत प्रदेश में कार्य करने वाले सभी मजदूरों, आउटसोर्स कर्मचारियों, ठेका श्रमिकों सहित 25 लाख कर्मचारियों की है। आगे भी वेतन बढ़ोतरी की लड़ाई जारी रहेगी।
दीपक गुप्ता, महासचिव, सीटू भेल
तत्काल आदेश जारी करे सरकार
न्यायालयीन प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद शासन को सरकारी क्षेत्र में कार्यरत अस्थाई, आउटसोर्स श्रमिक कर्मचारियों के लिए तत्काल आदेश जारी करना चाहिए। जो कर्मचारी न्यूनतम वेतन के दायरे से बाहर हैं उन्हें भी वेतन बढ़ोतरी का लाभ दिया जाना चाहिए।