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पिचक गया 200 वाला टमाटर, कुम्हला गई 100 वाली इठलाती गोभी, चिल्लर पैसों में बिकने को तैयार

छिंदवाड़ा: कुछ दिनों पहले तक सब्जियों के दाम आसमान छू रहे थे. जिसमें सबसे ज्यादा टमाटर के भाव बढ़े हुए थे. कभी 200 रुपए किलो से ज्यादा में बिकने वाला टमाटर अब 2 रुपए किलो में भी नहीं बिक रहा है. यही हाल फूलगोभी के भी देखने मिल रहे हैं. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में आलम यह है कि 1 और 2 रुपए में भी कोई टमाटर और गोभी को पूछ नहीं रहा है. मजबूरन किसानों को सड़कों में इन सब्जियों को फेंकना पड़ रहा है.

2 रुपए में टमाटर 1 रुपए में फूलगोभी

कभी 200 से 300 रुपए किलो के भाव बिकने वाला टमाटर अब 3 रुपए किलो में भी नहीं बिक रहा है. यही हाल फूलगोभी के हैं. थोक सब्जी मंडी में फूलगोभी के दाम 1 रुपए किलो तक बिक रहे हैं. इतने कम दाम मिलने की वजह से किसान खेतों से तोड़ने की बजाए ट्रैक्टर से नष्ट कर रहे हैं, या फिर सड़कों के किनारे फेंक रहे हैं.कृषि मंडी इंस्पेक्टर अनिल सुलखियाने बताया कि “टमाटर और गोभी के दाम में भारी गिरावट है. इसका कारण है की आवक बहुत ज्यादा है और खपत कम है, क्योंकि किसानों ने एक साथ ज्यादा फसल लगा दी है. उसके खरीदार नहीं मिल रहे हैं. इसकी वजह से टमाटर 50 रुपए से लेकर 70 रुपए कैरट तक बिक रहे हैं. 1 कैरेट में 20 से 25 किलो टमाटर आते हैं. यही हाल फूल गोभी के हैं. फूल गोभी के दाम 1 रुपए और 2 रुपए किलो तक है. मंडी में गोभी टमाटर नहीं बिक रहे हैं, तो किसान गौशाला में ले जाकर फेंक रहे हैं.”

मावठे की बारिश के चलते जल्दी खिलते हैं गोभी के फूल

कृषि उपज मंडी इंस्पेक्टर अनिल सलखिया ने बताया कि “अचानक मौसम में बदलाव के कारण भी असर पड़ा है, क्योंकि जब मावठे की बारिश होती है, तो ऐसे मौसम में गोभी के फूल जल्दी खिलते हैं. इस सीजन में गोभी में कीड़े लगने का खतरा भी ज्यादा बढ़ जाता है. अगर समय रहते गोभी के फूलों को ना तोड़ा जाए तो तितर-बितर हो जाते हैं. इसलिए भी दाम बहुत कम मिल रहे हैं

 

किसान कैलाश पवारने बताया कि “भले ही थोक सब्जी मंडी में किसानों को 2 रुपए में टमाटर और 1 रुपए किलो में गोभी की फसल बेचनी पड़ रही है, लेकिन यही सब्जी फुटकर बाजार में आकर आम लोगों को महंगे दामों में मिल रही है. फुटकर बाजार में टमाटर 20 रुपए किलो तो गोभी 10 रुपए किलो तक बिक रही है. किसानों को तो घाटा हो रहा है, लेकिन रसोई में उतनी राहत नहीं है.

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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