महापौर व अध्यक्ष के लिए भाजपा को 56 फीसदी वोट, पार्षद प्रत्याशियों के लिए 46 फीसदी वोट शेयरिंग
भिलाई। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित हुए। भारतीय जनता पार्टी ने निकाय चुनाव में विधानसभा व लोकसभा की सफलता को दोहराया है। विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के निकायों में भाजपा को बंपर बहुमत मिला है। छत्तीसगढ़ के लोगों ने भाजपा को खुलकर वोट दिया है। वोट शेयरिंग की ओर नजर डाले तो यह स्पष्ट हो जाता है कि कांग्रेस का जनाधार कितना कम हुआ है। महापौर व अध्यक्ष निर्वाचन में कांग्रेस की वोट शेयरिंग भाजपा के मुकाबले 25 फीसदी कम रही। वहीं पार्षदों के निर्वाचन में भाजपा व कांग्रेस के बीच 13 फीसदी का अंतर है।
राज्य के कुल 10 निगम, 49 नगरपालिका और 113 नगर पंचायतों पर 11 फरवरी को चुनाव हुए थे जिसके नतीजे शनिवार को घोषित किए गए। प्रदेश के सभी 10 नगर निगमों में भाजपा की दबदबा रही है। सभी नगर निगमों में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। नगर निगम में कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों ने खाता नहीं पाए। इसी प्रकार 49 नगर पालिका में भाजपा ने 35 नगर पालिकाओं में जीत हासिल की है। वहीं आठ नगर पालिकाओं में कांग्रेस ने बाजी मारी है। वहीं आम आदमी पार्टी ने भी खाता खोला है। आप को एक सीट में जीत मिली है। 5 नगर पालिकाओं में निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी है। 114 नगर पंचायत सीटों में भाजपा ने 81 पर जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस को सिर्फ 22 सीटों में जीत हासिल की है। वहीं प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी अपना खाता खोलते हुए एक सीट हासिल की है। साथ ही 10 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपना परचम लहराया है।
महापौर व अध्यक्ष निर्वाचन में भाजपा को मिले 56.04 फीसदी मत
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आकंडों के अनुसार नगर निगमों के महापौर व नगर पालिका के अघ्यक्ष निर्वाचन में भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 56.04 फीसदी रहा। भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का वोट शेयर 31.25 रहा। यानी दोनों दलों के बीच 24.79 फीसदी का फर्क रहा। भाजपा कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 0.99 फीसदी रहा। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी 1.1 फीसदी रहा। निर्दलियों ने 7.73 फीसदी व नोटा ने 1.96 फीसदी वोट शेयर किया।
पार्षद निर्वाचन में 46.62 फीसदी मत भाजपा को
इसी प्रकार पार्षदों के निर्वाचन में भी लोगों ने भाजपा को जमकर सपोर्ट किया है। वार्डवार पूरे प्रदेश में पार्षद निर्वाचन में भाजपा को वोट शेयर 46.62 फीसदी रहा। वहीं कांग्रेस का वोट शेयर 33.58 रहा। इस तरह भाजपा व कांग्रेस के बीच वोट शेयरिंग में अंतर 13.04 फीसदी रहा। पार्षद निर्वाचन में निर्दलिय प्रत्याशियों का वोट शेयरिंग भी शानदार रहा है। निर्दलियों ने 16.25 फीसदी वोट शेयर किए। वहीं नोटा को 1.23 फीसदी वोट मिले। पार्षद चुनाव में अन्य दलों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा।
रायपुर की मीनल चौबे ने रचा इतिहास
10 नगर निगमों में आए परिणाम में सबसे बड़ी जीत रायपुर से मीनल चौबे की रही। वहीं सबसे छोटी जीत चिरमिरी से रामनरेश राय की हुई है। मीनल चौबे ने 1 लाख 53 हजार 290 मतों से कांग्रेस की दीप्ति दुबे को हराया है,जबकि रामनरेश राय ने डॉ. विनय जायसवाल को 5692 वोटों से मात दी है। इसके अलावा दुर्ग में अलका वाघमारे ने कांग्रेस की प्रेमलता साहू को 67295 मतों से, बिलासपुर में पूजा विधानी ने कांग्रेस के प्रमोद नायक को 66047 मतों से, अंबिकापुर में मंजूषा भगत ने कांग्रेस के अजय तिर्की को 11063 मतों से, रायगढ़ में जीवर्धन चौहान ने कांग्रेस की जानकारी काटजू को 34365 मतों से, कोरबा में संजू देवी ने कांग्रेस की उषा तिवारी को 48116 मतों से, राजनांदगांव में मधुसूधन यादव ने कांग्रेस के निखिल द्विवेदी को 41138 मतों से, जगदलपुर में संजय पाण्डेय ने कांग्रेस के मलकीत सिंह गैंदू को 8772 मतों से तथा धमतरी में भाजपा के जगदीश रामू रोहरा ने 38665 मतों से जीत दर्ज की।
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