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स्कूली छात्रा को उठाकर पटका, फिर केरोसिन डाल जिंदा जलाया… अब दरभंगा कोर्ट से दोषी को उम्रकैद

दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले में एक स्कूली छात्रा की हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला बाजितपुर थाना क्षेत्र के नेहरा गांव का है। यहां वर्ष 2015 में एक स्कूल छात्रा निशि कुमारी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में दरभंगा व्यवहार न्यायालय के जिला अपर सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की कोर्ट ने हत्या के अभियुक्त विनय सहनी को सश्रम आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।जानकारी के अनुसार, 8 जून 2015 की शाम पारिवारिक विवाद के दौरान ही आरोपी ने मृतका निशि कुमारी को जमीन पर पटकते हुए हाथ पैर बांधकर आग लगा दी थी। परिजनों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान पीएमसीएच में उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में ट्रायल के बाद तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने सोमवार को नेहरा गांव निवासी लक्ष्मी सहनी के पुत्र विनय सहनी को सश्रम आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

ये है मामला

कोर्ट का फैसला आने के बाद अपर लोक अभियोजक रेणू झा ने बताया कि घरेलू विवाद को लेकर 8 नवम्बर 2015 की शाम करीब साढ़े सात बजे मृतका के चाचा रंधीर सहनी, विनय सहनी और चाची सुनीता देवी, निशा देवी ने बच्ची निशि और उसकी मां पूनम देवी के साथ मारपीट की थी। इस घटना की शिकायत बच्ची के माता-पिता ने मनीगाछी थाना पर की थी। इस पर आरोपियों ने बच्ची को जमीन पर पटक दिया और हाथ-पैर बांध कर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी। बच्ची को इलाज के लिए डीएमसीएच दरभंगा से पीएमसीएच ले जाने के क्रम में मौत हो गई थीइस घटना की प्राथमिकी बच्ची के पिता ने बच्ची के दादा लक्ष्मी सहनी, चाचा रणधीर सहनी, चाची निशा देवी के विरुद्ध नामजद मामला दर्ज कराया था। इसमें रणधीर सहनी और निशा देवी को 8 जुलाई 2021 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसी बीच मृतका के दादा लक्ष्मी सहनी की मृत्यु हो गई। ‌ सुनीता देवी अभी फरार चल रही है। पंचम एडीजे की कोर्ट ने बच्चीं के परिजनों को समुचित मुआवजा प्रदान करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार दरभंगा को आदेशित किया था।

आज कोर्ट ने न्याय दिया: मृतका की मां

मृतका की मां पूनम देवी ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अदालत ने आज न्याय दिया है। मेरी बच्ची की मृत आत्मा को शांति मिलेगी। न्याय के लिए हम लोगों ने 9 साल दरभंगा कोर्ट से पटना उच्च न्यायालय तक की दौड़ लगाई। अभी एक फरार अभियुक्त सुनीता देवी को सजा होने तक हम अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे

Manoj Mishra

Editor in Chief

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