सूखा प्रभावित इलाके में खेती करना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन कुछ किसान अपनी मेहनत और ईमानदारी से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. सांगली जिले के जत तालुका को सूखा प्रभावित माना जाता है. यहां के प्रगतिशील किसान पांडुरंग सावंत ने आधुनिक खेती का रास्ता अपनाकर अनार की खेती की है. उन्होंने कम खर्च में 2 एकड़ जमीन पर अनार का बाग लगाया और इससे लाखों की कमाई कर रहे हैं.पांडुरंग विट्ठल सावंत जाट तालुका के माडग्याल गांव के निवासी हैं. उन्होंने कला संकाय में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. कुछ सालों तक उन्होंने दूसरे राज्य में प्राइवेट नौकरी भी की, लेकिन, खेती और मिट्टी से लगाव होने के कारण वे नौकरी में खुश नहीं थे. सात साल पहले वे गांव लौट आए.उन्होंने अपने पिता द्वारा की जा रही पारंपरिक खेती देखी. बारिश पर निर्भर मक्का, ज्वार, बाजरा जैसी फसलें उगाकर ज्यादा कुछ हासिल नहीं हो रहा था, यह उन्होंने समझा. तब उन्होंने आधुनिक खेती का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया.सावंत ने कुछ संस्थाओं और कृषि अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया. 70 से 80 हजार रुपये की निवेश करके लगभग दो एकड़ जमीन में 400 अनार के पौधे लगाए. ड्रिप इरिगेशन से पानी का प्रबंधन किया.दवाइयों, मजदूरी और बाजार का सही प्रबंधन करते हुए सूखा प्रभावित इलाके (drought affected areas) में सावंत ने अनार की फसल से शानदार सफलता हासिल की है. उनके अनार के बाग से हर साल अच्छा उत्पादन होता है. बाजार की स्थिति सही होने पर ही वे हार्वेस्टिंग करते हैं. सावंत बताते हैं कि हर साल औसतन 13 लाख रुपये की कमाई होती है.मन लगाकर मेहनत की जाए तो खेती में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. नौकरी के पीछे न भागकर पांडुरंग सावंत अनार की फसल से भरपूर कमाई कर रहे हैं. उन्होंने साबित कर दिया है कि अच्छी नौकरी से भी बेहतर कमाई खेती में की जा सकती है.पानी का सही प्रबंधन (Proper management of water) करते हुए सूखा प्रभावित इलाके में खेती करने की चुनौती उन्होंने स्वीकार की है. साथ ही अपनी मेहनत से उन्होंने युवाओं के सामने एक नया उदाहरण पेश किया है.
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