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100 रुपये किलो वाले मोटे अनाज से ले सकेंगे ₹400 KG का फायदा, जानें इस किसान का अनोखा आइडिया

सागर: भारत में हरित क्रांति आने के बाद किसानों ने कई तरह के प्रयोग कर खूब तरक्की की. खूब पैसा कमाया, लेकिन पैसे की चकाचौंध में हम अपने भारतीय अनाजों को भूल गए और इसका नतीजा हुआ कि लोग रासायनिक उर्वरकों से उपजे अनाज खाकर कई तरह की बीमारियों से घिरे गए हैं. आज फिर हम उन्हीं अनाजों पर लौटने की बात कह रहे हैं. मोटे अनाजों को बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी भी इसकी पहल कर चुके हैं.मिलेट्स को प्रमोट करने के बाद कई किसानों ने इसकी खेती भी शुरू कर दी. लेकिन, उन्हें बाजार में इसके सही दाम नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में किसान अगर मिलेट्स की प्रक्रिया करें, तो सामान्य मोटे अनाज की तुलना में चार गुना उनकी कमाई हो सकती है. मतलब किसान मोटे अनाज उगाने के बाद फसल से चार गुना तक कमाई कर सकते हैं. इससे वह नमकीन, बिस्कुट, पापड़, लड्डू जैसी कई चीज बना सकते हैं.45,000 किसानों का नेटवर्क
सागर के युवा प्रगतिशील किसान आकाश चौरसिया ने भी अपने फार्म हाउस पर श्रीधन मिलेट्स की खेती की. फिर वैल्यू एडिशन करने के लिए एक फार्मूला निकाला, जिसमें मिलेट्स के लड्डू तैयार किए. आकाश का देश भर में 45,000 किसानों का नेटवर्क है. देश भर से इसकी डिमांड हो रही है. वह होम डिलीवरी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ऐसा करने से ₹100 किलो की कीमत वाला अनाज प्रोसेस कर 400 रुपये किलो तक के दाम ले पा रहा है. किसान भाई भी ऐसा करें तो वह अपनी आय बढ़ा सकते हैं. सेहत में भी सुधार होगा.डाइजेशन बनाने में मदद करते 
बता दें कि आकाश चौरसिया द्वारा कोदो, कुटकी, रागी, मक्का और ज्वार के लड्डू तैयार किया जा रहे हैं. इनमें जेब्रोलिक, अमाइनो, फॉलिक एसिड जैसी तत्व होते हैं, जो लोगों के डाइजेशन को तो अच्छा रखते ही है, साथ में इंसान की बॉडी सिस्टम में इम्यूनिटी को भी बढ़ाते हैं. हमने जितने भी लोगों को यह दिए हैं, सभी को पसंद आ रहे हैं. यह नए टेस्ट और नए अंदाज में तैयार किए गए हैं. जो सेहत के लिए बेहद लाभकारी हैं. किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी मदद करेंगे.इम्यूनिटी सिस्टम भी होगा मजबूत
आकाश चौरसिया ने बताया, वैसे तो मिलेट्स से कई तरह की प्रक्रिया की जा सकती है, लेकिन इस समय सर्दी का मौसम है, जिसमें चाहे बुंदेलखंड हो या देश का कोई भी क्षेत्र है, सर्दियों के दिनों में लड्डू को बेहद पसंद किया जाता है, उसी को ध्यान में रखते हुए इसको तैयार किया है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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