काफी लोग बाजार में सामान लेने जाते हैं तो कोई भी खानपान से जुड़ा प्रोडक्ट लेने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट जरूर देखते हैं. अगर उस चीज की एक्सपायरी डेट नजदीक है या निकल गई है तो आमतौर पर उसे नहीं खरीदा जाता है. लेकिन कई बार घर में भी कुछ चीजें इतने दिनों तक रखी रहती हैं कि उनकी एक्सपायरी डेट निकल जाती है. ऐसे में काफी लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं कि एक्सपायरी डेट निकलने के बाद उन चीजों का इस्तेमाल करें या नहीं. जानिए एक्सपर्ट्स इस बारे में क्या कहते हैं.
जब किसी प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट निकल जाती है तो आमतौर पर लोगों में ऐसी धारणा रहती है कि एक्सपायर होने के बाद भी प्रोडक्ट सेहत के लिए तुरंत नुकसानदायक नहीं हो जाता है. ऐसा मानना है कि कई चीजों में एक्सपायरी डेट सेफ्टी से ज्यादा क्वालिटी की वजह से तय की जाती है. जैसे हो सकता है कि समय निकलने के बाद चिप्स या बिस्किट करारे न रहें लेकिन इसका यह भी मतलब नहीं कि इन्हें खाने से आप बीमार हो जाएंगे. हालांकि, अगर प्रोडक्ट दूध या मांस हो तो वह जल्द खराब हो सकता है. इन चीजों में बैक्टीरिया जल्दी लगने शुरू हो जाते है और उसी हिसाब से ही इनकी एक्सपायरी डेट रखी जाती है.
सालों तक खराब नहीं होते हैं मसाले
मुंबई बेस्ड कंसल्टेंट क्लिनिकल डायटीशियन पूजा शाह भावे इस बारे में कहती हैं कि भारतीय में लोग अक्सर गेहूं के आटे, बेसन, रिफाइंड फ्लोर और सूजी के पैकेटों का इस्तेमाल बिना एक्सपायरी डेट को ध्यान में रखते हुए करते हैं. पूजा शाह भावे ने आगे कहा कि दाल, पास्ता और चावल जैसे जल्दी खराब न होने वाले खाद्य पदार्थ अगर सूखे, हवादार कमरों में रखे जाएं तो वे एक्सपायरी डेट के बाद भी ठीक हालत में रह सकते हैं. यहां तक कि नट्स, तिलहन और सूजी जैसी चीजों की शेल्फ लाइफ भी रेफ्रिजरेटर में रखने से बढ़ जाती है. वहीं मसालों की बात करें तो सालों तक वह खराब नहीं होते हैं.
हालांकि, पूजा शाह सलाह देती हैं कि अगर किसी चीज की एक्सपायरी डेट निकल गई है तो पहले उसकी गंध, स्वाद की पूरी तरह से जांच कर लेनी चाहिए. यह भी देख लेना चाहिए कि वह चीज किस हालत में दिख रही है.
एक्सपायरी डेट डालने के कई फैक्टर
दिल्ली के सीके बिरला अस्पताल में क्लिनिकल न्यूट्रिशन दिपाली शर्मा इस बारे में कहती हैं कि फूड पैकेजिंग की एक्सपायरी डेट कई कारकों द्वारा निर्धारित की जाती है, जिसमें भोजन का प्रकार, उपयोग की गई पैकेजिंग, मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया और नियामक दिशानिर्देश शामिल हैं. मैन्युफैक्चरर किसी भी चीज की शेल्फ लाइफ जानने के लिए अलग-अलग स्टोरेज कंडीशन के हिसाब से ही टेस्ट और एक्सपेरीमेंट करते हैं. जो एक्सपायरी डेट होती है वह इन्हीं परीक्षणों के आधार पर निर्धारित की जाती है. जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रोडक्ट एक्सपायरी डेट तक इस्तेमाल के लिए एकदम सुरक्षित और अच्छी गुणवत्ता वाला बना रहेगा.
नोएडा के शारदा अस्पताल में सीनियर डायटिशियन श्वेता जयसवाल का मानना है कि प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट उसकी सुरक्षा से ज्यादा उसकी क्वालिटी के लिए होती हैं. श्वेता कहती हैं कि अगर एक्सपायरी डेट निकल जाने के लिए भी खाने वाली कुछ चीज ठीक दिख रही है तो उसे खाना पूरी तरह सुरक्षित ही होता है. अगर चीज खराब नहीं हो रही है तो उसे खाया जा सकता है.
सबसे जरूरी बात है कि आप अपने भोजन को कैसे रखते हैं. आपके रखने से ही यह तय होता है कि वह कितने समय तक सुरक्षित और स्वादिष्ट बना रहेगा. फ्रिज को सही तापमान (5°C से नीचे) पर रखना, चीजों के पैकेजों को कसकर सील करना और सूखे सामान को ठंडी, अंधेरी जगहों पर स्टोर करने से शेल्फ लाइफ को काफी बढ़ाया जा सकता है. एक्सपर्ट दिपाली शर्मा कहती हैं कि अगर इन चीजों को सही तापमान और सही तरीके से नहीं रखा जाए तो जल्दी खराब होने का खतरा बन जाता है.
हालांकि, एक्सपर्ट्स की बातों को जानने के बाद भी यह आपके ऊपर ही निर्भर करता है कि किसी भी चीज की डेट एक्सपायर होने के बाद आप उसका इस्तेमाल करना चाहते हैं या नहीं.