सरकार ने फर्जी सिम कार्ड की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सिम कार्ड डीलर का वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। इसकी डेडलाइन को 2 माह बढ़ाकर 31 मार्च 2025 कर दिया है। अगर सिम कार्ड डीलर 31 मार्च 2025 तक सरकार के पास खुद की डीलरशिप का रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं, तो वो 1 अप्रैल 2025 से सिम कार्ड की बिक्री नहीं कर पाएंगे। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस यानी DoT ने मोबाइल फोन ऑपरेटर्स के फ्रैंचाइजी, एजेंट्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स को रजिस्ट्रेशन को तुरंत रजिस्ट्रेशन कराने की सलाह दी है।सरकार ने दिया था 12 माह का वक्त
सरकार ने अगस्त 2023 में SIM कार्ड डीलर्स का वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया था। सरकार ने सभी फ्रैंचाइजी, पॉइंट ऑफ सेल (PoS) एजेंट्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स को टेलिकॉम ऑपरेटर्स को 12 माह में रजिस्टर करने की डेडलाइन दी थी। हालांकि DoT ने टेलिकॉम कंपनियों को वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा करने की डेडलाइन को कई बार बढ़ाया जा चुका है।प्राइवेट टेलिकॉम कंपनी जैसे रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने ने 31 मार्च तक अपने एजेंट्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स को रजिस्टर कर लिया था, लेकिन सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने सरकार से ज्यादा वक्त मांगा था। BSNL का कहना था कि उसे अपने सॉफ्टवेयर इश्यू को ठीक करने की जरूरत है। ऐसे में उसे ज्यादा वक्त दिया जाए।DoT ने नोटिफिकेशन जारी करके कहा है कि 1 अप्रैल 2025 से, केवल वही PoS कस्टमर्स को एनरोल और नया सिम कार्ड बेच पाएंगे, जो 31 अगस्त, 2023 के DoT की गाइडलाइन के हिसाब से रजिस्टर्ड होंगे। इससे फर्जी सिम कार्ड बिक्री पर रोल लगाने में मदद मिलने की उम्मीद है।

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