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30 जनवरी से गुप्त नवरात्रि होंगे शुरू, जानें महत्व और उपाय

हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है, यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है। मान्यता है कि नवरात्रि में माता दुर्गा की विधि अनुसार पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है, साथ ही लंबे समय से चल रही समस्याएं देवी की कृपा से समाप्त होती हैं। इस दौरान चारों नवरात्रि को दुर्गा पूजन के लिए शुभ माना गया है। दरअसल, हिंदू धर्म में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा भी दो गुप्त नवरात्रि है।

पंचांग के अनुसार गुप्त नवरात्रि पर्व आषाढ़ और माघ माह में मनाया जाता है। वर्तमान में माघ माह जारी है, इस माह में 30 जनवरी 2025 से माघ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। इस अवधि में 10 महाविद्यायों की पूजा की जाती है। इस पर्व को तंत्र साधना और गुप्त विद्याओं में रुचि रखने वालों के लिए और भी खास माना गया है। वहीं इस नवरात्रि में कुछ खास उपाय करने से आर्थिक समस्या और शादी विवाद में आ रही बाधाएं भी समाप्त हो सकती हैं, ऐसे में आइए इन उपायों के बारे में जानते हैं

 

माघ गुप्त नवरात्रि 2025 तिथि 
पंचांग के अनुसार इस साल माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 जनवरी 2025 को शाम 6 बजकर 5 मिनट से हो रही है, इस तिथि का समापन 30 जनवरी को शाम 4 बजकर 1 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार माघ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ 30 जनवरी 2025 के दिन से होगा।माघ गुप्त नवरात्रि 2025 कलश स्थापना मुहूर्त
इस साल 30 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, इस दिन श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र के साथ व्यतीपात योग बन रहा है, जो पूजा पाठ के लिए बेहद शुभ है। इस दिन कलश स्थापना के लिए आपको दो शुभ मुहूर्त प्राप्त होंगे, पहला मुहूर्त सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक है। दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर में 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक है।

माघ गुप्त नवरात्रि उपाय
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि के पहले दिन 9 गोमती चक्र लेकर देवी दुर्गा के पास रख दें। अब इन चक्रों को नवरात्रि के अंतिम दिन पर एक लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से आर्थिक समस्याएं समाप्त होती हैं।
  • गुप्त नवरात्रि के दिनों में निशिता काल मुहूर्त के समय देवी दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं। ऐसा करना पर नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा को लाल रंग के पुष्प अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है, साथ ही लंबे समय से चल रही समस्याएं भी समाप्त होती हैं। 
  • ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दिनों में रात के समय भैरव बाबा को जलेबी और इमरती का भोग लगाएं। कहते हैं कि इस उपाय को करने से राहु-केतु, शनि दोष से मुक्ति प्राप्त हो सकती हैं।
  • गुप्त नवरात्रि की पूजा के दौरान माता को कमल का फूल अर्पित करें, इससे जीवन में खुशियों का वास होता है।गुप्त नवरात्रि महत्व
    धार्मिक ग्रंथों में माघ माह को पूजा-पाठ और स्नान-दान के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस माह में आने वाली गुप्त नवरात्रि माह की महत्ता को अधिक बढ़ाती है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजा पाठ करने से रुके हुए कार्यों में आ रही बाधाएं समाप्त होती है, इस दौरान 10 महाविद्या काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला की पूजा की जाती है।डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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