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घेरो-घेरो-मारो-मारो… नक्सली आए थे राशन लेने, बदले में मिली मौत, सेना के चक्रव्यूह में फंस गया था अप्पाराव

गरियाबंदः छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट पंचायत के भालू डिग्गी टोला के जंगल में सुरक्षाबलों ने 27 नक्सलियों को मार गिराया. बताया जा रहा है कि ये सभी नक्सली खाने की जुगाड़ में गांव में पहुंचे थे. इसी बीच फोर्स ने इन नक्सलियों को ट्राएंगल शेप के एंबुश में घेर लिया और फिर ढेर कर दिया. कुल्हाड़ी घाट के गांव नक्सलियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है. क्योंकि यह नक्सली यहां से तीन राज्य (ओडिशा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़) में आवाजाही करते हैं. सुरक्षाबलों ने जिन नक्सलियों को मारा, उनमें 1 करोड़ का इनामी अप्पाराव भी शामिल था.

नक्सली लीडर इस पॉइंट से तीन राज्यों में फैले अपने साम्राज्य पर नियंत्रण रखते हैं. घने जंगल औरव ऊंचाई होने के कारण पिछले 20 सालों से अप्पाराव जैसे नक्सलियों के लिए यह सेफ जोन बना हुआ था. यही वजह है कि टॉप नक्सली कैडर के नेता यहां लंबे समय से अपना डेरा जमाते रहे हैं. बीते रविवार की रात को सुरक्षाबलों को सूचना मिली राशन-पानी की व्यवस्था में अप्पाराव अपनी सुरक्षा टीम के सात भालू डिग्गी टोले के करीब डेरा जमाया हुआ है. इसके तुरंत बाद रात को ही ई-30 (जिला गरियाबंद के जवान), कोबरा 207, सीआरपीएफ 65 और 211 नंबर की बटालियन मौके के लिए रवाना हो गई.

तीन तरफ से घिर गए थे नक्सली
हालांकि भालू डिग्गी से ओडिशा केवल 5 से 6 किलोमीटर की दूरी पर है. एक तरफ से हमला होता तो नक्सली ओडिशा भाग निकलते. इसके लिए तुरंत ओडिशा के एसओजी जवानों को सूचना दी गई, जिसके बाद ओडिशा वाले हिस्से को एसओजी ने ब्लॉक कर दिया. अब इसके बाद नक्सलियों के पास केवल बस्तर का विकल्प बचा हुआ था. लेकिन समस्या यह थी कि यहां बस्तर कम से कम 150 किलोमीटर दूर था, जहां पहुंचने में नक्सलियों को दो से तीन दिन का समय लग जाता. हालांकि सुरक्षात्मक तरीका अपनाते हुए फोर्स ने एक टुकड़ी इस छोर पर भी तैनात कर दिया था. इस तरह के एक ट्रायंगल शेप के एंबुश में जवानों ने नक्सलियों को घेर लिया.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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