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कभी बेचते थे ठेले पर सब्जी, जानें कैसे यूट्यूब की मदद से मशरूम किंग बने बहराइच के शिवकुमार

बहराइच. यूपी के बहराइच जिले के रहने वाले शिव कुमार कभी ठेले पर सब्जी बेचते थे. उनकी सब्जियों में मशरूम भी होता था, लेकिन तब शायद उन्हें अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि यही मशरूम आगे चल कर उनकी जिंदगी बदलने वाला है. सब्जी बेचते-बेचते शिव कुमार के मन में मशरूम पैदा करने का ख्याल आया क्योंकि ये एक ऐसी सब्जी थी जिसकी मार्केट में हमेशा डिमांड रही. शिव कुमार ने पैसे जुटाए और बड़े पैमाने पर मशरूम उत्पादन का काम शुरू कर दिया. इससे आज उन्हें लाखों रुपये का मुनाफा हो रहा है. शिव कुमार का मशरूम भंडार बहराइच-नेपाल हाईवे के किनारे आरकेट मैरिज लॉन के पास है.

ऐसा रहा सफरबहराइच शहर के मोहल्ला घसियारीपुरा के रहने वाले शिव कुमार को सब्जी के ठेले में खास मुनाफा नहीं दिखा. बस खाने पीने भर का बचता था. अच्छे दिन का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था. शिव कुमार अपने ठेले पर हरी साग-सब्जियों के साथ दो चार पैकेट मशरूम भी बेचा करते थे, जिसकी डिमांड उन्होंने हमेशा देखी. यहीं से उनके मन में ठेला छोड़कर मशरूम की खेती का आइडिया कौंधा.

धीरे-धीरे माहिर
शिव कुमार ने शुरुआती दौर में मशरूम की खेती के लिए यूट्यूब वीडियो खूब देखे. वे धीरे-धीरे मशरूम उत्पादन में माहिर हो गए. आज वे बंटाई पर खेत लेकर करीब तीन बीघा में मशरूम उत्पादन करते हैं. इसके लिए उन्होंने पांच झोपड़ियां बना रखी हैं. इन झोपड़ियों में ही वे मशरूम उगाते हैं. इसके लिए उन्होंने तीन मजदूर भी रखे हैं जिनकी पगार 12 से 15 हजार रुपये है. उनके दो छोटे भाई भी इस काम में सहयोग करते हैं. शिव कुमार कहते हैं कि उत्पादन अच्छा होने पर उन्हें लाखों रुपये की इनकम हो जाती है.इन बातों का रखें ध्यानशिव कुमार ने बताया कि मशरूम उत्पादन के लिए बने स्थान को अदृश्य फंगस और कीड़े से दूर रखना जरूरी है. इनसे मशरूम में रोग लगने की संभावना होती है और पैदावार कम हो जाती है. टेंपरेचर भी बहुत जरूरी होता है, इसलिए झोपड़ी या मशरूम उत्पादन की जगह को बार-बार खोलना नहीं चाहिए.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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