Blog

दूसरे प्रदेश के लोग भी ओपन हार्ट सर्जरी के लिए करने लगे अम्बेडकर अस्पताल का रूख, एमपी के मरीज की हुई सफल सर्जरी

मरीज का हृदय मात्र 35 प्रतिशत कार्य कर रहा था, सांस लेने में थी चार साल से दिक्कत

रायपुर। राजधानी के अंबेडकर अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर राज्य के सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं में दिनों दिन वृद्धि हो रही है। पंडित नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय से संबध्द डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता जा रहा है। इस संस्थान के विभिन्न विभागों के डॉक्टरों की समर्पित टीम एवं पैरामेडिकल स्टाफ की बदौलत जटिल से जटिल मेडिकल केस में डॉक्टरों को सफलता मिली है। इसके कारण पड़ोसी राज्यों के मरीज भी यहां उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने मध्यप्रदेश निवासी एक मरीज की एक बार फिर सफल ओपन हार्ट सर्जरी की है।

हार्ट सर्जरी का यह केस इसलिए विशेष है क्योंकि मरीज का हृदय मात्र 35 प्रतिशत ही काम कर रहा था। मरीज को रूमैटिक हार्ट डिजीज नामक बीमारी थी जिसके कारण मरीज के दो वाल्व क्रमशः एओर्टिक वाल्व और माइट्रल वाल्व में सिकुड़न थी एवं तीसरे वाल्व ट्राइकस्पिड वाल्व में लीकेज था। विभागाध्यक्ष हार्ट सर्जरी डॉ. कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में हुए इस ऑपरेशन में मरीज के हृदय के इन दोनों वाल्व को टाइटेनियम मेटल के वाल्व से बदला गया एवं तीसरे वाल्व को रिपेयर किया गया। सर्जरी के पश्चात् मरीज के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है एवं एक-दो दिन बाद मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। यह ऑपरेशन शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान योजना के अंतर्गत पूर्णतया निशुल्क हुआ है।

उपलब्ध संसाधनों से मरीजों को बेहतर उपचार सुविधा
अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर कहते हैं कि अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों के साथ हमारी कोशिश रहती है कि मरीजों को बेहतर उपचार सुविधा का लाभ मिले। मध्यप्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों के मरीजों का भी आयुष्मान योजना के अंतर्गत यहां उपचार संभव हो रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं के ऐसे विस्तार ने अम्बेडकर अस्पताल के प्रति लोगों का भरोसा बरकरार रखा है। मध्यप्रदेश के अनूपपुर निवासी 52 वर्षीय मरीज को चार साल से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जरा सा भी काम करने पर सांस फूल रहा था। शुरूआत में स्थानीय डॉक्टरों द्वारा अस्थमा की बीमारी की तरह उपचार किया गया। बाद में दूसरे डॉक्टरों से जांच कराने पर पता चला कि मरीज के हार्ट के चार में से तीन वाल्व खराब हो गये हैं। चूंकि 3 वाल्व बदलना बहुत ही चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन होता है इसलिए मरीज के शुभचिंतकों ने उसे अम्बेडकर अस्पताल जाने की सलाह दी। फिर भी मरीज मध्यप्रदेश के जाने माने हार्ट सेंटर में गया परंतु वहां मरीज को विश्वास नहीं हुआ फिर अन्य सेंटर में 5 लाख से भी अधिक का खर्च बताया गया इसलिए अंततोगत्वा मरीज अम्बेडकर अस्पताल पहुंचा।

सर्जरी के बाद हो सकती थी मरीज की किडनी खराब
अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट सर्जरी विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू के द्वारा मरीज की पुनः जांच की गई और उनको हार्ट के तीनों वाल्व के ऑपरेशन के बारे में बताया चूंकि इस मरीज की किडनी भी कमजोर थी एवं उसका क्रिएटिनिन भी 1.5 एमजी बढ़ा हुआ जिससे ऑपरेशन और अधिक रिस्की होने के बारे में बताया एवं कई बार ऐसे मरीजों की किडनी बाईपास के बाद खराब हो जाती है और डायलिसिस की नौबत आ सकती है फिर भी मरीज अपना ऑपरेशन अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट सर्जरी विभाग में कराने के लिए तैयार हो गया। मरीज की बीमारी को रूमेटिक हार्ट डिजीज कहा जाता है। यह बीमारी बचपन में सर्दी-खांसी के ठीक से इलाज न कराने पर होता है। इस बीमारी में बचपन में स्ट्रेप्टोकोकस नामक बैक्टीरिया द्वारा गले में संक्रमण होता है जो सामान्य सर्दी-खांसी के रूप में होता है। जब यह बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश करता है तब हमारे शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा इस बैक्टीरिया के विरूद्ध एंटीबॉडी बनता है परंतु यह एंटीबॉडी बैक्टीरिया को न मारकर हमारे हृदय के वाल्व को ही बैक्टीरिया समझ कर उसको खराब करना प्रारंभ कर देता है। या यूं कहें कि यह एंटीबॉडी मिस गाइडेड मिसाइल की तरह होती है। यह बीमारी नार्थ एवं सेंट्रल इंडिया में सबसे ज्यादा मिलता है एवं साउथ इंडिया में सबसे कम।

ऑपरेशन के दूसरे दिन से ही एक्टिव हुआ मरीज
मेडिकल भाषा में मरीज रूमैटिक हार्ट डिजीज (आरएचडी) विद सीवियर माइट्रल स्टेनोसिस विद सीवियर एओर्टिक स्टेनोसिस प्लस ट्राइकस्पिड वॉल्व रिगर्गिटेशन नामक बीमारी से पीड़ित था। मरीज का माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट विद एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट बाई, बाई लीफलेट मेटैलिक वाल्व विद डिवेगास ट्राइकस्पिड वाल्व रिपेयर नामक सर्जरी की गई।  मरीज ऑपरेशन के दूसरे दिन ही अपना नाश्ता और भोजन अपने हाथों करना शुरू कर दिया। पहले भी इस संस्थान में दूसरे प्रदेशों के मरीज का सफल ऑपरेशन हो चुका है। इसके पहले भी हरियाणा का एक मरीज दिल्ली में ऑपरेशन न कराकर अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में अपना सर्जरी करवाया। इस मरीज की सर्जरी करने वाली टीम में विभागाध्यक्ष हार्ट सर्जरी डॉ. कृष्णकांत साहू के साथ कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. संकल्प, क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. श्रुति तुरकर, परफ्यूशनिस्ट राहुल एवं डिगेश्वर, ओटी टेक्नीशियन भूपेंद्र, हरीश, निराकार एवं नर्सिंग स्टाफ राजेन्द्र, नरेन्द्र, चोवा एवं दुष्यंत आदि शामिल थे।

The post दूसरे प्रदेश के लोग भी ओपन हार्ट सर्जरी के लिए करने लगे अम्बेडकर अस्पताल का रूख, एमपी के मरीज की हुई सफल सर्जरी appeared first on ShreeKanchanpath.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button