देश में पंचायती राज संस्थान (पीआरआइ) दशकों से आधारभूत ढांचागत संरचना की कमी से जूझ रहे हैं। वर्तमान में 35 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों के पास दैनिक कार्य पूरे करने के लिए कोई स्थायी कार्यालय तक नहीं है। इतना ही नहीं, जब देश में अधिकतर कार्य डिजिटल रूप से हो रहे हैं और डिजिटल ढांचा लगातार सशक्त हो रहा है, ऐसे में देश की 40 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों के पास अपना कंप्यूटर नहीं है। इस स्थिति को बदलने के लिए केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने पहल की है और 2024 में मंत्रालय ने 4600 से ज्यादा ग्राम पंचायतों के कार्यालयों को निर्माण कराया है, जबकि यह जिम्मेदारी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की होती है।
पंचायती राज मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पंचायती राज कानून के मुताबिक, ग्राम पंचायतों में आधारभूत ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की जिम्मेदारी है, जिसमें ग्राम पंचायतों के लिए भवन, बिजली व कंप्यूटर आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कुशल स्थानीय स्वशासन प्रदान करना है, ताकि पंचायतें एक सशक्त स्थानीय स्वशासन इकाई के रूप में अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर सकें।
3 हजार से अधिक आवादी वाले ग्राम पंचायत के पास हो अपना कार्यालय
अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय चाहता है कि देश की 3000 से अधिक जनसंख्या वाली हर ग्राम पंचायत के पास अपना कार्यालय हो। साथ ही उसमें कंप्यूटर की सुविधा हो, ताकि आम लोगों को विभिन्न सेवाओं के लिए दर-दर भटकना न पड़े। इससे देशभर में पंचायतों के कुल मिलाकर कार्यप्रणाली को एक नई मजबूती मिलेगी। इस पहल के तहत मंत्रालय ने 2024 में 4,604 ग्राम पंचायतों के कार्यालयों को निर्माण कराया और 31,003 ग्राम पंचायतों को कंप्यूटर उपलब्ध कराए। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज की अध्यक्षता में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने अपनी प्रत्येक बैठक में पंचायत के आधारभूत ढांचागत सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है।
अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश में 661, आंध्र प्रदेश में 617,उत्तराखंड में 612, महाराष्ट्र में 568, हरियाणा व पंजाब में 500-500, गुजरात में 412, कर्नाटक में 258, असम में 178, तमिलनाडु में 146 और उतर प्रदेशमें 100 ग्राम पंचायतों के लिए कार्यालयों को निर्माण कराया है। इस पहल परिणामस्वरूप से आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम में सभी ग्राम पंचायतों के पास अपने कार्यालय हो गए हैं।
तेलंगाना, पंजाब समेत कई राज्यें को मिला पंचायत ऑफिस
अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय की ओर से ग्राम पंचायत कार्यालयों के लिए उपलब्ध कराए गए कंप्यूटरों में सबसे अधिक 8,034 कंप्यूटर पंजाब को दिए गए। इसी तरह छत्तीसगढ़ को 5,896, उत्तराखंड को 3,760, झारखंड को 2,066, बिहार को 2,000, तेलंगाना को 1,640, तमिलनाडु को 1,594, आंध्र प्रदेश को 1,422, हरियाणा को 1,363, महाराष्ट्र को 945, असम को 687 और अरुणाचल प्रदेश को 400 कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं।