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जनवरी-फरवरी नहीं बल्कि मार्च में होंगे निकाय-पंचायत चुनाव?.. जानें आने वाले दो महीनों में क्या है बड़ी अड़चने..

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया में देरी हो गई है। पहले यह अनुमान था कि वर्ष के अंत से पहले आचार संहिता लागू हो जाएगी और फरवरी के मध्य तक चुनाव संपन्न हो जाएंगे। लेकिन, अंतिम समय में सरकार ने महापौर और अध्यक्ष पद के आरक्षण की प्रक्रिया को 7 जनवरी तक आगे बढ़ाने का फैसला किया। इसके चलते अब साल के अंत से पहले आचार संहिता लागू होने की संभावना खत्म हो गई है।

तैयारियों में कमी या राजनीतिक वजह?

चुनाव में देरी को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासनिक तैयारियां पूरी नहीं थीं, या इसके पीछे कोई राजनीतिक समीकरण काम कर रहा है। पहले माना जा रहा था कि 27 दिसंबर तक महापौर और अध्यक्ष पद का आरक्षण तय हो जाएगा और नगर पंचायतों का आरक्षण 30 दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। ऐसे में 31 दिसंबर तक आचार संहिता लागू होने की उम्मीद थी। लेकिन अब आरक्षण प्रक्रिया को कम से कम 15 दिनों के लिए टाल दिया गया है। हालांकि नए कयास यह है कि चुनावी प्रक्रिया मार्च तक आगे बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि फरवरी के पहले सप्ताह से ही बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत होने जा रही है। जबकि जनवरी में महज ऐलान के 20 दिनों के भीतर मतदान और मतगणना संभव नहीं है। ऐसे में सुरक्षा और सुविधा के लिए भी सरकार को कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव तैयारियों में कुछ प्रशासनिक अड़चनें थीं। हाल ही में कई नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों के नोटिफिकेशन जारी हुए, जिन्हें आरक्षण प्रक्रिया में शामिल करना आवश्यक था। इसके अलावा, कई नगरीय निकायों में शीर्ष पद, जैसे सीएमओ, खाली पड़े थे। इसे देखते हुए सरकार ने 36 अधिकारियों को प्रमोट कर सीएमओ के रूप में तैनात किया और कई भ्रष्ट अधिकारियों का स्थानांतरण भी किया।

विपक्ष के आरोप और जनता की प्रतिक्रिया

विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार जनता के असंतोष से घबराई हुई है, इसलिए चुनाव कराने में देरी कर रही है। वहीं, जनता के बीच इस बात को लेकर गहरी दिलचस्पी है कि इस बार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।

चुनाव की संभावित समय सीमा

 

विभागीय सूत्रों का मानना है कि यदि जनवरी के मध्य तक आचार संहिता लागू होती है, तो मार्च के पहले सप्ताह तक चुनाव संपन्न हो सकते हैं। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और प्रशासन इस दिशा में कितनी तेजी से काम करते हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं, लेकिन जनता और राजनीतिक दलों की निगाहें अब आगामी तारीखों पर टिकी हैं।

छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनाव 2025

छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनाव कब होंगे?

– विभागीय सूत्रों के अनुसार, यदि आचार संहिता जनवरी के मध्य तक लागू होती है, तो मार्च के पहले सप्ताह तक चुनाव हो सकते हैं।

चुनाव प्रक्रिया में देरी क्यों हुई?

– महापौर और अध्यक्ष पद के आरक्षण की प्रक्रिया में देरी के कारण चुनाव प्रक्रिया में विलंब हुआ है।

क्या निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ होंगे?

– संभावना है कि इस बार निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।

आचार संहिता कब लागू होगी?

– आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, जनवरी के मध्य तक आचार संहिता लागू होने की संभावना है।

चुनाव की तिथियां कब घोषित होंगी?

– चुनाव तिथियां आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद जनवरी के अंत तक घोषित हो सकती हैं।

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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