जमुई:- 26 दिसंबर को साल की अंतिम एकादशी मनाई जाएगी, जिसे सफला एकादशी कहा जाता है. पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने का विशेष फल प्राप्त होगा. ज्योतिषाचार्य पंडित शत्रुघ्न आचार्य ने Local 18 को बताया कि सफला एकादशी के दिन अगर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाए, तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. उन्होंने कहा कि सफला एकादशी के दिन सभी प्रकार की सफलता प्राप्त होती है. ऐसे में अगर किसी को धन की कामना है या किसी को पुत्र की कामना है, तो वह भी भगवान विष्णु की पूजा कर अपने कामना को पूरा कर सकते हैं.धन की कामना है, तो भगवान विष्णु को ऐसे करें प्रसन्नज्योतिषाचार्य ने बताया कि जो लोग धन की कामना रखते हैं, वह सफला एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाकर भगवान विष्णु को प्रसन्न कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस दिन घर के उत्तर या पूर्व या उत्तर पूर्व की दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से धन समृद्धि में वृद्धि होती है. जो व्यक्ति सफला एकादशी का व्रत नहीं कर पा रहे, उन्हें विधि-विधान के साथ भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही सफला एकादशी के दिन अगर भगवान विष्णु को सफेद पुष्प, सफेद नैवेद्य का भोग लगाया जाए और सफेद चीजों से भगवान विष्णु की पूजा की जाए, तब आपके पुत्र की कामना पूरी हो सकती है. भगवान विष्णु को पूजा के दौरान ऋतु फल, मिष्ठान, पकवान एवं खीर का भोग लगाना चाहिए. भगवान विष्णु को लगाने वाले सभी भोग में तुलसी का पत्ता हमेशा शामिल करना चाहिए
बताया कि सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों की पूजा करनी चाहिए. इस दिन जातक को चाहिए कि वह प्रातः काल स्नान आदि से निवृत होकर शुद्ध वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की पूजा करे. वह चाहे तो मंदिर में भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं या घर में भी उनकी पूजा कर सकते हैं. पूजा के दौरान सबसे पहले पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराकर वस्त्र, चंदन, इत्र, तिल, तुलसी, धूप, दीप, नैवेद्य, पान, सुपारी से विधिवत पूजा करनी चाहिए और पूजा के बाद घी का दीपक जलाकर उनकी आरती करनी चाहिए. अगर आप भी अपने मन में धन या पुत्र की कामना लिए हैं, तो इस एकादशी भगवान विष्णु की पूजा कर अपनी कामना को पूरी कर सकते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का जगन्नाथ डॉट कॉम व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.