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MP में हैं मां के प्राचीन मंदिर और शक्तिपीठ, दर्शन करने के लिए चढ़नी पड़ती 1063 सीढ़ियां, महाभारत से जुड़ा है इतिहास

चैत्र नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक है। इस दौरान देवी दुर्गा और उनके नौ दिव्य रूपों की पूजा की जाती है। इसी के साथ यह हिंदू चंद्र नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और इस समय पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है। ऐसे में इस नवरात्रि के मौके पर हम आपको माता के प्राचीन मंदिरों और शक्तिपीठों के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां जाकर आप दर्शन कर सकते हैं। बता दें, जो लोग मध्य प्रदेश में वह नवरात्रि के खास मौके पर माता का आर्शीर्वाद लेने जा सकते हैं, क्योंकि मंदिर यहीं पर ही स्थित है। आइए जानते हैं मंदिर के बारे में, क्या है मान्यता।अगर आप मध्य प्रदेश आ रहे हैं, तो यहां आकर आप माता दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। बता दें, मध्य प्रदेश में तीन शक्तिपीठों की मान्यता है, जिसे काफी पवित्र माना जाता है। जिसका नाम हरसिद्धि देवी शक्तिपीठ, शोण नर्मदा शक्तिपीठ और मैहर माता मंदिर है।हरसिद्धि देवी शक्तिपीठ की काफी मान्यता है। बताया जाता है यही माता सती की कोहनी गिरी थी। ये शक्तिपीठ रुद्र सागर तालाब के पश्चिमी तट पर स्थित है। मान्यता है कि माता दिन में गुजरात और रात में उज्जैन में निवास करती हैं।

मध्य प्रदेश के अमरकंटक में शोण नर्मदा शक्तिपीठ है। बताया जाता है यहमाता सती का दायां नितंब गिरा था। बता जिस जगह पर ये शक्तिपीठ है, वहीं नर्मदा नदी का उद्गम माना जाता है, जिसके कारण भक्त यहां देवी मां की नर्मदा स्वरूप में पूजा- अर्चना करते हैं। शोण नर्मदा शक्तिपीठ को ‘शोणाक्षी शक्तिपीठ’ के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में मां नर्मदा की मूर्ति पर सुनहरा मुकुट और चांदी का चबूतरा देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। यहां तक पहुंचने के लिए 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है।मध्य प्रदेश के सतना जिले में त्रिकुट पहाड़ी पर मैहर माता मंदिर स्थित है। नवरात्रि के दौरान यहां पर भक्तों की काफी भीड़ उमड़ती है। मान्यताओं के अनुसार, जिस स्थान पर मंदिर है, वहां माता सती का हार गिरा था। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को 1063 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। भक्तों के लिए मंदिर तक पहुंचने के लिए रोपवे सेवा भी हैमध्य प्रदेश के दतिया जिले में मां पीतांबरा पीठ स्थित है। जहां माता बगलामुखी को पीतांबरा रूप में पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि के मौके पर यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर- दूर से भक्त आते हैं। बता दें, इस मंदिर में महाभारत काल का वनखंडेश्वर महादेव मंदिर और धूमावती माता का मंदिर भी स्थित है।

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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