छतरपुर. जिले में किसान अब परंपरागत खेती छोड़ नई तकनीक से दूसरी खेती की तरफ़ रुझान बढ़ा रहे हैं. जिले के ऐसे ही किसान हैं सत्यजीत, जिन्होंने परंपरागत खेती छोड़ नहीं तकनीक से टमाटर की सफल खेती कर रहे हैं. नई तकनीक अपनाकर किसान कैसे बढ़ा रहे हैं टमाटर का उत्पादन, जानिए किसान भाई से…नई तकनीक अपनाने से बहुत फायदे हो रहे हैं. जहां पुरानी तकनीक में पानी भी अधिक लगता था और परेशान भी बहुत होना पड़ता था. वहीं नई तकनीक में पानी भी कम लगता है और उत्पादन भी अधिक होता है.इतनी दूरी पर लगाते हैं पौधे किसान बताते हैं कि टमाटर के पौधे को लगाते वक्त दूरी का ध्यान देना पड़ता है. टमाटर के पौधों के बीच की दूरी 1 फुट होनी चाहिए. साथ ही दो कतार के बीच की दूरी 1 मीटर होनी चाहिए. ताकि पौधे सुचारू रूप से विकसित हो सकें.पन्नी लगाने से ये होते हैं फायदे किसान बताते हैं कि पन्नी लगाने के कई फायदे होते हैं. एक फायदा तो यह है कि टमाटर पौधों में पानी कम लगता है क्योंकि मिट्टी में शीत बना रहता है. दूसरा फायदा ये होता है कि पौधों के आसपास खरपतवार नहीं उगता है. जिससे टमाटर पौधे की वृद्धि तेज़ी से होती है.इस तकनीक में ऐसे होते हैं तैयार पौधे किसान के मुताबिक डंडे के सहारे से पौधे खड़े किए जाते हैं. फिर तार के सहारे टमाटर के वज़न को धागे से बांधा जाता है. क्योंकि टमाटर फल आने से वज़न बढ़ जाता है. इसलिए बांधना पड़ता है. टमाटर के पौधे 90 दिन में तैयार हो जाते हैं.किसान बताते हैं कि एक एकड़ में टमाटर की खेती कर रखी है. 90 दिन में टमाटर तैयार हो जाता है और अब टूटना शुरू हो गया है. अभी एक कतार में 2 क्रेट टमाटर तोड़ा है. देखरेख करते रहेंगे तो अप्रैल तक टमाटर आता है. मंडी में भाव अच्छा मिल ही जाता है तो फायदे की खेती ही है.

0 2,500 1 minute read