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छत्तीसगढ़ के इस गांव में तैयार होते हैं एलोवीरा के प्रिमियम प्रोडक्ट, भारत सरकार से भी मिला अवार्ड

धमतरी। छत्तीसगढ़ में एक ऐसा गांव भी हैं जहां पर ऐलोवीरा के प्रीमियम प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं। न सिर्फ यहां एलोवीरा की खेती की जाती है बल्कि इससे साबून, शैम्पू, मोस्चराईजर, बॉडीवॉश जैसे प्रोडक्ट्स भी तैयार हो रहे हैं। यहां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित वनधन विकास केन्द्र दुगली की जहां एलोवीरा का प्रिमियम प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं। साथ ही यहां का तिखूर अच्छी गुणवत्ता का तैयार किया जाता है। भारत सरकार ट्राइबल विभाग द्वारा वर्ष 2021 में वनधन विकास केन्द्र दुगली को प्रदेश में अधिक संग्रहण के लिए अवार्ड भी प्रदाय किया गया है।

छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री वनधन विकास योजना के तहत यह काम हो रहा है। वनधन योजना का प्रमुख काम आदिवासी लोगों के लिए आजीविका सृजन को लक्षित करना और उन्हें उद्यमियों में बदलना है। इसके अलावा वनाच्छादित क्षेत्रों में वनधन विकास केन्द्रों के स्वामित्व वाले जनजातीय समुदाय को स्थापित करना है, ताकि वन उपज के लिए प्राथमिक प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके और जनजातियों के लिए रोजगार उपलब्ध हो सके।

2018 से संचालित है वनधन विकास केन्द्र
प्रधानमंत्री वनधन विकास योजनान्तर्गत वनांचल नगरी के दुगली स्थित वनधन विकास केन्द्र वर्ष 2018 से संचालित है। इसके जरिए समूह की महिलाओं को महिलाओं को पूरे वर्षभर कार्य मिल जाता है। इसके अलावा समय-समय पर जब कार्य अधिक होता है, तो अन्य समूह की महिलाओं को भी बुलाया जाता है। इन उत्पादों को बेहतर गुणवत्तायुक्त तैयार करने के लिए समय-समय पर विशेषज्ञों द्वारा महिला समूहों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इस वनधन केन्द्र कों मशीनरी एवं तकनीकी सहयोग भी मिल रहा है, जिससे केन्द्र दिनों दिन प्रगति कर रहा है।

22 प्रकार के प्रोडक्ट्स होते हैं तैयार
वनधन विकास केन्द्र दुगली में कुल 22 प्रकार की सामग्रियां तैयार की जातीं हैं, इनमें से 15 प्रकार की औषधि एवं खाद्य सामग्री का निर्माण शामिल है, जिसका आयुष एवं खाद्य विभाग से लायसेंस भी मिला है। यहां 22 प्रकार के उत्पाद एलोवीरा जूस, साबून, बॉडी वॉश, शैम्पू, जेल, मोस्चराईजर, हेयर कंडीशनर के साथ ही आंवला कैंण्डी, आंवला जूस, आंवला चूर्ण, बेहड़ा पावडर, त्रिफला चूर्ण, शतावर चूर्ण, अश्वगंधा चूर्ण, अर्जुन चूर्ण, जामुन गुठली चूर्ण, कालमेघ चूर्ण, तिखुर पावडर, बैचांदी चिप्स, माहुल पत्ता, शीशल रस्सी और शहद निर्मित किया जाता है।

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