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6 दिन में गटक गया 6 करोड़ की शराब ! दिवाली पर ‘मदहोश’ हुआ छत्तीसगढ़ का ये जिला

दीपावली (Deepawali News) के मौके पर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद (Gariaband ) जिले में खूब जाम छलका है. क्योंकि यहां शराब (Liquor) की दुकानों से करीब छह करोड़ की शराब बेची जा चुकी है. सोमवार को सामने आई जानकारी के अनुसार, छह दिनों के भीतर जिले की 9 शराब दुकानों से इस साल दीपावली के अवसर पर कुल 5 करोड़ 78 लाख 97 हजार 680 रुपए की शराब बिकी, तो वहीं पिछले साल 5 करोड़ 31 लाख 03 हजार 850 रुपए की शराब की बिक्री हुई थी. इस साल के आंकड़े ने त्योहार पर शराब की खपत में बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर किया है, जिससे सामाजिक और आर्थिक प्रभावों पर चर्चा शुरू हो गई.

राजिम में सबसे अधिक बिक्री, उरमाल में सबसे कम

जिले के सभी केंद्रों में शराब की बिक्री का विश्लेषण करने पर राजिम सबसे आगे रहा, जहां कुल 2 करोड़ 84 लाख 93 हजार रुपये की शराब बिकी. इसमें देशी शराब और अंग्रेजी/बियर दोनों शामिल हैं. दूसरी ओर, उरमाल में सबसे कम खपत दर्ज की गई, जहां केवल 7 लाख 71 हजार 180 रुपये की शराब बिकी. ये आंकड़े क्षेत्रीय स्तर पर शराब की मांग में अंतर को दर्शाते हैं.

देशी और अंग्रेजी शराब की बढ़ी मांग

जिले भर में बिकने वाली कुल शराब में 3 करोड़ 44 लाख 94 हजार 950 रुपये की देशी शराब, 3 करोड़ 13 लाख 5 हजार 710 रुपये की अंग्रेजी शराब और बियर शामिल हैं. इस बिक्री के आंकड़े बताते हैं कि त्योहार के दौरान सभी प्रकार की शराब की मांग लगातार बढ़ रही है.फिंगेश्वर में कुल 1,10,78,800 रुपये की बिक्री, जिसमें देशी 71,66,280 रुपये और अंग्रेजी/बियर 30,29,310 रुपये की खपत दर्ज की गई.  वहीं,छुरा में कुल 69,97,470 रुपये की बिक्री, जिसमें देशी 39,68,160 रुपये और अंग्रेजी/बियर 30,29,310 रुपये की रही.गरियाबंद में कुल 83,41,970 रुपये की बिक्री, जिसमें देशी 39,49,440 रुपये और अंग्रेजी/बियर 43,92,530 रुपये की खपत हुई, जबकि मैनपुर में कुल 15,13,220 रुपये की बिक्री, जिसमें देशी 3,78,830 रुपये और अंग्रेजी/बियर 11,34,390 रुपये शामिल रहे. वहीं, सोनामुन्दी में कुल 25,50,060 रुपये की बिक्री, जिसमें देशी 14,63,340 रुपये और अंग्रेजी/बियर 10,86,720 रुपये की रही.

बढ़ती खपत पर उठे सवाल

दीपावली जैसे पवित्र त्योहार पर शराब की इतनी बड़ी खपत न केवल आर्थिक वृद्धि का संकेत देती है. बल्कि इससे कई सामाजिक चिंताएं भी जुड़ी हैं. प्रशासन के लिए त्योहारों के दौरान जागरूकता अभियान शुरू करने की जरूरत महसूस होती है, ताकि लोग संतुलन बनाए रख सकें और जिम्मेदारी से त्योहार का आनंद ले सकें.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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